इंडिया रेटिंग्स ने मंगलवार को एक विश्लेषण में कहा है कि वित्त वर्ष 2025 में भारत के बैंकों की लाभप्रदता एक महत्त्वपूर्ण मोड़ पर पहुंचने के बाद असुरक्षित संपत्तियों में चूक और असुरक्षित ऋण में बढ़ोतरी के कारण वित्त वर्ष 2026 में मुनाफा कम रहने की संभावना है।
एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘इंडिया रेटिंग्स का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 2024 के बीच वित्तीय गणित में तेज सुधार के कारण वित्त वर्ष 25 में यह एक महत्त्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया और आगे वित्त वर्ष 2025 में इसमें कमी की आशंका है।’
रेटिंग एजेंसी ने पाया है कि कुछ खुदरा क्षेत्रों जैसे व्यक्तिगत ऋण, क्रेडिट कार्ड और माइक्रोफाइनैंस क्षेत्रों में चूक बढ़ी है। वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में बैंकों के खुदरा ऋण की गुणवत्ता 1.2 प्रतिशत जीएनपीए अनुपात के साथ स्थिर रही है। खुदरा क्षेत्र में एसएमए (स्पेशल मेंशन अकाउंट) अनुपात घटकर वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में 2.5 प्रतिशत पर आ गया है।