अबू धाबी स्थित इंटरनैशनल होल्डिंग कंपनी (आईएचसी) ने सम्मान कैपिटल में 8,850 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है। सम्मान कैपिटल के एमडी और सीईओ गगन बंगा ने सुब्रत पांडा से बातचीत में इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रमुख अंश…
क्या यह कहना उचित होगा कि आईएचसी का निवेश हमेशा के लिए है?
हां, यह हमेशा के लिए है। भारत में वे वित्तीय सेवाओं के लिए इसी तरह से संपर्क करेंगे, खासकर बैलेंस शीट फाइनैंशियल सर्विसेज के लिए। यह उसके लिए शुरुआत है। इसी तरह वे भारत में अपनी फाइनैंशियल सर्विसेज की स्थिति बनाएंगे। इसलिए सम्मान कैपिटल समय के साथ एक ऑपको और एक होल्डको दोनों बन जाएगी।
तो क्या आईएचसी द्वारा सम्मान कैपिटल के माध्यम से अन्य कंपनियों में और निवेश होंगे?
बिल्कुल।
खुली पेशकश के बाद कंपनी में आईएचसी की कितनी हिस्सेदारी होगी?
खुली पेशकश के अलावा, उनके पास तरजीही इक्विटी के माध्यम से लगभग 26 प्रतिशत और वारंट के कनवर्जन के माध्यम से 15 प्रतिशत होंगे। यह 18 महीनों की अवधि में तीन किस्तों में होगा। तो यह अंतिम संरचना है। अगर खुली पेशकश सफल होती है तो चरम पर उनकी हिस्सेदारी 63 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता कि खुली पेशकश में क्या होगा। मेरे नजरिए से वह पूंजी वैसे भी कंपनी में नहीं आती है। मेरे नजरिए से 8,500 करोड़ रुपये अहम है और इस हिसाब से उनके पास 41 प्रतिशत से थोड़ा अधिक हिस्सेदारी होगी।
फंड की लागत के हिसाब से आपको कितना फायदा मिलेगा?
सबसे अच्छी स्थिति में हम उम्मीद करते हैं कि समय के साथ ऋण पूंजी की लागत में 150 आधार अंक की कमी आएगी।
बोर्ड की संरचना कैसी होगी?
उनको बहुमत का अधिकार है। हमारे तीन डायरेक्टर अगले साल अगस्त और नवंबर के बीच रिटायर होने वाले हैं। जब वे रिटायर होंगे, तो उनके नामित सदस्य आ सकते हैं। उन्हें कोई जल्दी नहीं है।