आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी के लिए दिसंबर तिमाही शानदार रही। इस अवधि में कंपनी ने अपनी वृद्धि की रफ्तार बनाए रखी। वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ एक साल पहले के मुकाबले 22 प्रतिशत बढ़ा, जबकि उसकी सकल घरेलू प्रीमियम आय सालाना आधार पर 15 प्रतिशत बढ़कर 6,400 करोड़ रुपये हो गई।
प्रबंधन का कहना है कि कंपनी भविष्य में वृद्धि की रफ्तार तेज करने के लिए डिजिटल और हेल्थ एजेंसी चैनलों में निवेश बरकरार रखेगी। वह वित्त वर्ष 2025 के अंत तक 102 प्रतिशत के संयुक्त अनुपात को हासिल करने की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रही है। कंपनी का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2024-26 के दौरान सालाना आधार पर 23 प्रतिशत बढ़ सकता है।
इस वृद्धि को मोटर सेगमेंट में तेजी से मदद मिल सकती है, क्योंकि प्रतिस्पर्धा घटी है और कंपनी ने रिटेल हेल्थ पर अपना ध्यान बढ़ाया है। विलय से ऊंचे प्रतिफल को बढ़ावा मिल सकता है। सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम आय तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 13 प्रतिशत बढ़ी, जिसे हेल्थ सेगमेंट से मदद मिली। कंपनी ने रिटेल हेल्थ में सालाना आधार पर 16 प्रतिशत, कॉरपोरेट में 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। मोटर ओटी में भी सालाना आधार पर 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, क्योंकि प्रतिस्पर्धी तीव्रता घटी है। विभिन्न सेगमेंट में ये रुझान वित्त वर्ष 2024 में भी बरकरार रहने की उम्मीद है।
70 प्रतिशत पर नुकसान अनुपात तिमाही आधार पर 70 आधार अंक तक सुधरा, जिसे हेल्थ सेगमेंट में बदलाव आने से मदद मिली। मोटर ओडी में सालाना आधार पर 810 आधार अंक का बड़ा सुधार दर्ज किया गया। कुल खर्च अनुपात सालाना आधार पर 90 आधार अंक तक सुधरा, भले ही कमीशन तिमाही आधार पर 250 आधार अंक तक बढ़ी।
हालांकि प्रबंधन का मानना है कि नए खर्च दायरे में रहेंगे। कम आय वृद्धि की वजह से कंपनी का मूल्यांकन घट गया था। अब इस स्थिति में बदलाव आ सकता है। मुख्य जोखिम प्रतिस्पर्धा में वृद्धि और संभावित नियामकीय
बदलाव हैं।
संयुक्त अनुपात दूसरी तिमाही में 103.9 प्रतिशत के मुकाबले 103.6 प्रतिशत पर था, जबकि शुद्ध लाभ 430 करोड़ रुपये पर रहा। जहां सालाना आधार पर यह 22 प्रतिशत बढ़ा, लेकिन तिमाही आधार पर इसमें 25 प्रतिशत की कमी आई। क्लेम रेशियो 70 प्रतिशत रहा, जो वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में 70.7 प्रतिशत था।
तिमाही में कमजोर निवेश लाभ और अधिग्रहण की ऊंची लागत से शुद्ध लाभ पर प्रभाव पड़ा। तीसरी तिमाही में पूंजीगत लाभ 108 करोड़ रुपये पर रहा, जो दूसरी तिमाही में 164 करोड़ रुपये था। दिसंबर तिमाही में बट्टेखाते से जुड़ा नुकसान 280 करोड़ रुपये रहा जो दूसरी तिमाही में 150 करोड़ रुपये था।
तिमाही आधार पर कंपनी का कमीशन अनुपात तीसरी तिमाही में बढ़कर 18 प्रतिशत हो गया जो दूसरी तिमाही में 17.4 प्रतिशत था। खर्च अनुपात दूसरी तिमाही के 15.8 प्रतिशत से घटकर 15.5 प्रतिशत रह गया।