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Paytm के ग्राहकों को लुभाने की मची होड़; Google Pay, PhonePe से लेकर HDFC और SBI तक, जमकर कर रहे प्रचार

RBI द्वारा जारी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों की सूची से पेटीएम को लेकर स्थिति काफी हद तक साफ हुई है।

Last Updated- February 18, 2024 | 11:12 PM IST
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा पेटीएम पेमेंट्स बैंक के कामकाज पर रोक लगाए जाने की घोषणा के एक पखवाड़े बाद केंद्रीय बैंक ने पिछले हफ्ते अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों की सूची जारी कर डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म को लेकर असमंजस दूर करने का प्रयास किया था। इसके बावजूद प्रतिस्पर्धी कंपनियों द्वारा व्यापारियों को लुभाने की होड़ लगी है। गूगल पे, फोनपे, एचडीएफसी और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) भी किराना दुकानदारों और खुदरा विक्रेताओं सहित व्यापारियों को अपनी प्रौद्योगिकी, उत्पाद और सेवाओं को अपनाने के लिए आकर्षित करने की खातिर खूब प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।

कोलकाता के चर्चित बाजार न्यू मार्केट के एक रिटेलर ने कहा कि एसबीआई पेटीएम संकट के बाद से ही अपनी पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों को अपनाने के लिए जोर दे रहा है। न्यू मार्केट में कई रिटेल स्टोर हैं, जहां कपड़ों से लेकर कॉस्मेटिक्स और खाने-पीने की वस्तुओं की बिक्री होती है। ऐसे में डिजिटल भुगतान प्रदाता और बैंक यहां के व्यापारियों को अपने साथ जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसा केवल कोलकाता में ही नहीं बल्कि देश के सभी हिस्सों में पेटीएम के प्रतिस्पर्धी व्यापारियों को आकर्षित करने में लगे हैं।

दिल्ली के एक दुकानदार ने कहा, ‘पिछले हफ्ते फोनपे का एक सेल्स एक्जीक्यूटिव मेरी दुकान पर आया था और बताया कि पेटीएम की सेवाएं आगे उपलब्ध नहीं होंगी और उन्होंने मुझे इसे बदलने की सलाह दी थी।’

दिल्ली के एक दुकानदार ने अभी दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने का मन नहीं बनाया है क्योंकि पेटीएम ऐप के साथ ही साउंडबॉक्स पर संदेश आ रहे हैं कि पेटीएम की सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी। पुणे में मोबाइल फोन स्टोर चलाने वाले सतीश सालुंके के पास पेटीएम पेमेंट्स बैंक से जुड़ा पेटीएम साउंडबॉक्स है। उन्होंने कहा कि फोनपे के एक सेल्स अधिकारी ने नया क्यूआर लेने के लिए उनसे संपर्क किया था।

उन्होंने कहा, ‘आरबीआई की पाबंदियां और पिछले हफ्ते जारी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों की सूची के बाद मुझे नया अकाउंट खोलना होगा और शेष राशि को उसमें हस्तांतरित कर नई मशीन लेनी होगी। अकाउंट हस्तांतरण के बारे में जानकारी के लिए मैं पेटीएम से संपर्क करने की कोशिश कर रहा हूं मगर उसका हेल्पलाइन नंबर हमेशा व्यस्त आ रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘अगर समस्या इसी तरह बनी रही तो मजबूरी में मुझे दूसरा प्लेटफॉर्म अपनाना होगा।’

आरबीआई द्वारा जारी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों की सूची से पेटीएम को लेकर स्थिति काफी हद तक साफ हुई है। नियामक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को जमा और भुगतान लेनदेन करने की मोहलत 15 मार्च तक बढ़ा दी है।

इसमें स्पष्ट किया गया है कि व्यापारी 15 मार्च के बाद भी पेटीएम क्यूआर कोड, साउंडबॉक्स या पीओएस टर्मिनल का उपयोग कर पाएंगे, अगर भुगतान किसी अन्य बैंक के खाते में लिया जाता है। लेकिन पेटीएम पेमेंट्स बैंक से जुड़े क्यूआर कोड, पीओएस और साउंडबॉक्स 15 मार्च के बाद काम नहीं करेंगे। व्यापारियों ने कहा कि स्पष्टीकरण से निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

मुंबई के एक दवा दुकानदार ने कहा, ‘हम उसी समय पेटीएम को बदलने के बारे में सोच रहे थे जब जनवरी में उस पर प्रतिबंध लगाया गया था। मगर नियामक की ओर से दिशानिर्देश जारी किए जाने से काफी चीजें स्पष्ट हो गई हैं। मैं कोई नया क्यूआर अथवा साउंडबॉक्स या अन्य भुगतान उपकरण नहीं ले रहा है क्योंकि मेरे पास पहले से ही कई साधन मौजूद हैं।’

दादर के एक आइसक्रीम विक्रेता ने कहा, ‘मेरा खुद का बैंक खाता पेटीएम साउंडबॉक्स से जुड़ा हुआ है। वह पहले की तरह काम करता रहेगा क्योंकि वह पेटीएम बिजनेस अकाउंट से नहीं जुड़ा है। बाजार के कई अन्य खिलाड़ी नए क्यूआर और साउंडबॉक्स के साथ हमसे संपर्क कर रहे हैं, मगर अभी हमें उसकी जरूरत नहीं है।’

हालांकि सभी व्यापारियों की स्थिति एक जैसी नहीं है। उद्योग सूत्रों के अनुसार, नोएडा की प्रमुख फिनटेक कंपनी के संकटग्रस्त होने के कारण पेटीएम के करीब 50 से 70 लाख व्यापारी (25 फीसदी) व्यापारी गूगल पे, फोनपे और भीम ऐप जैसे अन्य प्लेटफार्मों पर स्थानांतरित होने की प्रक्रिया में है। आगे इसमें और वृद्धि होने के आसार हैं।

इस मामले से अवगत एक व्यक्ति ने कहा, ‘व्यापारियों के बीच काफी चिंता और दहशत का माहौल है।’ व्यापारियों के लिए भरोसे को तगड़ा झटका लगा है और उसे दोबारा हासिल करना पेटीएम के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान पेटीएम के व्यापारी ग्राहकों की संख्या में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है क्योंकि कंपनी ने साउंडबॉक्स और पीओएस टर्मिनल के वितरण में काफी विस्तार किया है।

First Published - February 18, 2024 | 11:12 PM IST

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