सरकार के प्रोत्साहन 3.0 से निर्माण और इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों के परिदृश्य में और ज्यादा मजबूती आने की संभावना है। विश्लेषकों का कहना है कि इन घोषणाओं से निर्माण कंपनियों के लिए मजबूत तरलता और कम कार्यशील पूंजी जरूरतों के संदर्भ में मदद मिलेगी।
प्रमुख पहलों में, कंपनियों को मौजूदा और नए अनुबंधों, दोनों के लिए केंद्र तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से प्रदर्शन सुरक्षा में नरमी से लाभ मिलने की संभावना है जिससे कम कार्यशील पूंजी की जरूरत को बढ़ावा मिलेगा।
यदि राज्य सरकारें इस पर अमल करती हैं तो ठेकेदारों को ज्यादा फायदा होगा। नई निविदाओं के लिए जमा रकम में कमी/समाप्त से वित्त पोषण की जरूरत भी आसान होगी। घटते बैलेंस शीट बोझ से इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों की स्थिति और क्रियान्वयन क्षमताओं में सुधार आएगा।
आईआईएफएल का कहना है कि कमजोर बैलेंस शीट वाली छोटी कंपनियों को भी अब प्रतिस्पर्धा करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। औद्योगिक और पूंजीगत खर्च के लिए अतिरिक्त बजटीय खर्च से पूंजीगत खर्च को बढ़ावा मिलेगा, जिससे ऑर्डर प्रवाह के संदर्भ में निर्माण ठेकेदारों को लाभ होगा।
पहले से ही कमजोर निजी पूंजीगत खर्च पर लॉकडाउन के दौरान कंपनियों द्वारा अपनाए गए लागत नियंत्रण उपायों से और ज्यादा दबाव का सामना करना पड़ा और इस वजह से उन्होंने अपनी विस्तार योजनाओं में विलंब किया है।
आईआईएफएल के विश्लेषकों के अनुसार, इस संदर्भ में लार्सन ऐंड टुब्रो, एनसीसी, अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स, कैपेसाइट इन्फ्राप्रोजेक्ट्स, जेएमसी प्रोजेक्ट्स, केईसी इंटरनैशनल और कल्पतरू पावर का जिक्र किया जा सकता है।
जहां ये उपाय मददगार साबित हुए हैं, वहीं इस क्षेत्र के परिदृश्य में सुधार पहले ही दिख चुका है।
ऑर्डर प्रवाह ने वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही में उम्मीदों को पीछे छोड़ा है और इसे एनएचएआई से मदद मिली, और कई सड़क निर्माण कंपनियों ने अपनी ऑर्डर बुक में तेजी दर्ज की। लॉकडाउन में नरमी, श्रम उपलब्धता में सुधार और मॉनसून समाप्त हो जाने से परियोजना क्रियान्वयन भी बढ़ा है।
येस सिक्योरिटीज के आलोक देवड़ा का कहना है कि वित्त वर्ष 2021 की दूसरी छमाही में सभी निर्माण कंपनियों के लिए परिदृश्य में सुधार आया है। इसके परिणामस्वरूप, विश्लेषकों को पहली छमाही के मुकाबले प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद नहीं है, लेकिन यह अवधि एक साल पहले की अवधि के मुकाबले काफी बेहतर होगी।
देवड़ा के पसंदीदा शेयरों में पीएनजी इन्फ्राटेक, केएनआर कंस्ट्रक्शंस, दिलीप बिल्डकॉन, और कैपासाइट इन्फ्राप्रोजेक्ट्स जैसे शेयर शामिल हैं। एमके रिसर्च के पसंदीदा शेयरों में केएनआर और पीएनजी इन्फ्रा मुख्य रूप से शामिल हैं और वे एलऐंडटी के साथ साथ कल्पतरू पावर पर भी सकारात्मक बने हुए हैं।
एलऐंडटी की इंजीनियरिंग एवं निर्माण (ईऐंडसी) सेगमेंट में अच्छी उपस्थिति है। हालांकि उसकी ऑर्डर बुक और प्रदर्शन पहली छमाही में कमजोर रहा है, लेकिन उसे अक्टूबर में मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना के लिए मिले 33,000 करोड़ रुपये के ठेके से बड़ी मदद मिली है।
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज (एमओएसएल) के विश्लेषकों का मानना है कि एलऐंडटी जल्द ही कोविड के बाद मजबूत बनकर उभरेगी और भारतीय निर्माण उद्योग में अपनी बाजार भागीदारी और अधिक मजबूत बनाएगी।
3,000 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर हासिल करने वाली पीएनसी इन्फ्रा की ऑर्डर बुक पहली छमाही के अंत में बढ़कर 15,500 करोड़ रुपये (उसके वित्त वर्ष 2020 के राजस्व का तीन गुना) पर पहुंच गई।
क्रियान्वयन और ऑर्डर वृद्घि की तेज रफ्तार के साथ, पीएनसी इन्फ्रा के प्रबंधन ने वित्त वर्ष 2021 के लिए राजस्व में सालाना आधार पर वृद्घि का अनुमान जताया है।
आनंद राठी के विश्लेषकों का कहना है कि ताजा सौदों के आधार पर राजस्व अनुमान और प्रतिफल में सुधार से संकेत मिला है कि पीएनसी इन्फ्रा फिर से मजबूत वृद्घि की राह पर बढऩे के लिए तैयार है।
दिलीप बिल्डकॉन के लिए भी परिदृश्य मजबूत बना हुआ है। कंपनी को वित्त वर्ष 2021 में बड़े ऑर्डर मिले हैं। उसकी कुल ऑर्डर बुक 25,620 करोड़ रुपये पर है जो वित्त वर्ष 2020 के 19,080 के मुकाबले काफी बेहतर है। कंपनी द्वारा दिसंबर तिमाही में अपनी कुछ एचएएम (हाइब्रिड एन्युटी मॉडल) परियोजनाओं को बेचे जाने की संभावना है जिससे उसे नई परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए कुछ पूंजी हासिल करने में बड़ी मदद मिलेगी।
केएनआर बीओटी सड़क परियोजनाओं की बिक्री की वजह से नकदी संपन्न हो गई है। इसके अलावा उसकी मजबूत ऑर्डर बुक से भी आय अनुमानों में संशोधन को बढ़ावा मिला है। उदाहरण के लिए, एमओएसएल ने अपने वित्त वर्ष 2021 और वित्त वर्ष 2022 के आय अनुमानों को 6 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है।
दूसरी तरफ, कल्पतरू ने चालू वित्त वर्ष में अंतरराष्ट्रीय पारेषण एवं वितरण ऑर्डर हासिल किए जिससे उसे अपनी दूसरी तिमाही के ऑर्डर प्रवाह को मजबूत बनाने में मदद मिली। घरेलू टीऐंडडी, बीओटी सड़क, और रेल सेगमेंटों में सुधार की वजह से कंपनी को अपने सालाना ऑर्डर प्रवाह अनुमान (9,000-10,000 करोड़ रुपये) पूरा होने की संभावना है।
