भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष के आखिर में वित्तीय लेनदेन बढ़ने से मार्च में क्रेडिट कार्ड से व्यय बढ़कर 4 महीने के उच्च स्तर 2.01 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2025 में बैंकों ने 8 लाख नए कार्ड बनाए हैं। वित्त वर्ष 2024 में जारी 1.5 करोड़ कार्डों की तुलना में यह बहुत कम है। असुरक्षित ऋण पर ज्यादा जोखिम अधिभार मानकों के कारण ऐसा हुआ है, जो नवंबर 2023 से लागू हुआ है।
पिछले महीने क्रेडिट कार्ड से व्यय 7 माह के निचले स्तर पर रहने के बाद मासिक आधार पर यह करीब 20.66 प्रतिशत बढ़ा है, जो फरवरी में 1.67 लाख करोड़ रुपये था। त्योहारों के कारण अक्टूबर 2024 में व्यय 2.02 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को छू गया था।
क्रेडिट कार्ड से प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) पर लेनदेन सालाना आधार पर 13.08 प्रतिशत बढ़कर 71,473 करोड़ रुपये हो गया है, जो फरवरी 2025 में 62,124.91 करोड़ रुपये था। ई-कॉमर्स भुगतान बढ़कर 1.30 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो इसके पहले महीने में 1.05 लाख करोड़ रुपये था।
केयरएज रेटिंग्स में एसोसिएट डायरेक्टर सौरभ भालेराव ने कहा, ‘मार्च में क्रेडिट कार्ड से खर्च अधिक रहा है, लेकिन यह मौसमी है। सामान्यतया बीमा व सरकार से संबंधित अन्य खर्च होते हैं, जिसका भुगतान क्रेडिट कार्ड से किया जाता है। इसके अलावा साल के आखिर का भी कुछ खर्च हो सकता है, जिससे मार्च में व्यय बढ़ जाता है।’
निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक के कार्ड से व्यय मासिक आधार पर 24.5 प्रतिशत बढ़कर 57,751 करोड़ रुपये हो गया।