facebookmetapixel
Gold-Silver Outlook: सोना और चांदी ने 2025 में तोड़े सारे रिकॉर्ड, 2026 में आ सकती है और उछालYear Ender: 2025 में आईपीओ और SME फंडिंग ने तोड़े रिकॉर्ड, 103 कंपनियों ने जुटाए ₹1.75 लाख करोड़; QIP रहा नरम2025 में डेट म्युचुअल फंड्स की चुनिंदा कैटेगरी की मजबूत कमाई, मीडियम ड्यूरेशन फंड्स रहे सबसे आगेYear Ender 2025: सोने-चांदी में चमक मगर शेयर बाजार ने किया निराश, अब निवेशकों की नजर 2026 पर2025 में भारत आए कम विदेशी पर्यटक, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया वीजा-मुक्त नीतियों से आगे निकलेकहीं 2026 में अल-नीनो बिगाड़ न दे मॉनसून का मिजाज? खेती और आर्थिक वृद्धि पर असर की आशंकानए साल की पूर्व संध्या पर डिलिवरी कंपनियों ने बढ़ाए इंसेंटिव, गिग वर्कर्स की हड़ताल से बढ़ी हलचलबिज़नेस स्टैंडर्ड सीईओ सर्वेक्षण: कॉरपोरेट जगत को नए साल में दमदार वृद्धि की उम्मीद, भू-राजनीतिक जोखिम की चिंताआरबीआई की चेतावनी: वैश्विक बाजारों के झटकों से अल्पकालिक जोखिम, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूतसरकार ने वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत दी, ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर रोक

जेपी मॉर्गन बॉन्ड इंडेक्स में शामिल होंगे देसी बॉन्ड

एसटीसीआई प्राइमरी डीलर के कार्यकारी उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शाह ने कहा कि बाजार इस घटनाक्रम के साथ अच्छी रफ्तार और सकारात्मकता के साथ जुड़ रहा है।

Last Updated- June 25, 2024 | 11:08 PM IST
JPMorgan index may include India's sovereign bonds in 2024, says Pictet

जेपी मॉर्गन बॉन्ड इंडेक्स में भारत के सरकारी बॉन्ड शामिल किए जाने से पहले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक लंबी अवधि की सरकारी प्रतिभूतियों में पोजीशन बना रहे हैं।

सरकारी बॉन्ड 28 जून से शामिल किए जाएंगे। कम आकर्षक बॉन्डों मसलन 7.18 फीसदी 2037, 7.26 फीसदी 2033 और 7.18 फीसदी 2033 में भी विदेशी निवेशकों की बढ़ी हुई मांग दिख रही है।

सितंबर 2023 में जेपी मॉर्गन ने ऐलान किया था कि वह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से जारी सरकारी प्रतिभूतियों को जीबीआई-ईएम में शामिल करेगा। शामिल की जाने वाली प्रक्रिया को 10 महीने में चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा और मार्च 2025 तक हर महीने एक-एक फीसदी का भार बढ़ाया जाएगा। भारतीय बॉन्डों का चीन के जितना ही यानी 10 फीसदी भार होगा।

सितंबर 2023 में इसकी घोषणा के बाद से ही करीब 10.4 अरब डॉलर का विदेशी निवेश भारत सरकार की प्रतिभूतियों में आ चुका है। जून के महीने में विदेशी बैंक प्रमुख खरीदार रहे। सरकारी स्वामित्व वाले बैंकों ने इन बॉन्डों की बिक्री मुनाफे पर की जिससे 10 वर्षीय बेंचमार्क का प्रतिफल एक दायरे में रहा।

एसटीसीआई प्राइमरी डीलर के कार्यकारी उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शाह ने कहा कि बाजार इस घटनाक्रम के साथ अच्छी रफ्तार और सकारात्मकता के साथ जुड़ रहा है।

देसी निवेशकों के मामले में उनके निवेश नियम बदले हैं और बॉन्ड को इंडेक्स में शामिल करने से बढ़ने वाली मांग को देखते हुए उनकी तरफ से कुछ मुनाफावसूली हो सकती है। बेंचमार्क प्रतिफल निकट भविष्य में 6.95 फीसदी से लेकर 7 फीसदी के दायरे में बना रह सकता है। 10 वर्षीय बेंचमार्क बॉन्ड का प्रतिफल मंगलवार को 6.99 फीसदी पर टिका।

एचएसबीसी के नोट के अनुसार 38 एफएआर प्रतिभूतियों में से सिर्फ 28 बॉन्ड (413 अरब डॉलर बकाया) ही इंडेक्स में शामिल होने के पात्र हैं। मौजूदा बेंचमार्क प्रतिभूतियों में लगातार कम विदेशी निवेश है। इंडेक्स के पात्र बॉन्डों ने सिर्फ 8.3 अरब डॉलर का निवेश हासिल किया है जबकि कम आकर्षक इश्यू में विदेशी निवेश का 66 फीसदी हिस्सा मिला है।

First Published - June 25, 2024 | 10:25 PM IST

संबंधित पोस्ट