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रेट कट से पहले बॉन्ड बाजार गर्म, वेदांत, जुबिलेंट समेत कई कंपनियों ने जुटाए ₹12,000 करोड़

वेदांत ने तीन बार में 5,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कंपनी ने दो साल पांच महीने में परिपक्व होने वाले बॉन्डों (9.31 फीसदी की दर से) के जरिये 2,400 करोड़ रुपये जुटाए।

Last Updated- June 04, 2025 | 9:48 PM IST
Corporate bond FPI investment India

वेदांत, जुबिलेंट बेवरिजेज, हडको और बजाज हाउसिंग फाइनैंस समेत कई प्रमुख भारतीय कंपनियों ने बुधवार को घरेलू बॉन्ड बाजार से 12,000 करोड़ रुपये से अ​धिक की रकम जुटाई। कंपनियों ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की दर निर्धारण समिति के नीतिगत फैसले से पहले यह पूंजी जुटाई है। आरबीआई के रीपो दर में 25 आधार अंक तक की कटौती किए जाने की संभावना है।

वेदांत ने तीन बार में 5,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कंपनी ने दो साल पांच महीने में परिपक्व होने वाले बॉन्डों (9.31 फीसदी की दर से) के जरिये 2,400 करोड़ रुपये जुटाए। इसके अलावा उसने तीन साल में परिपक्व हो रहे बॉन्डों से 9.45 फीसदी की दर से 1,750 करोड़ रुपये जुटाए। कंपनी ने दो साल की परिपक्वता वाले बॉन्डों से 8.95 फीसदी की कूपन दर पर 850 करोड़ रुपये जुटाए।

इन इश्यू से प्राप्त राशि का इस्तेमाल कंपनी सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए करेगी, जिसमें मौजूदा ऋण का पुनर्भुगतान या पूर्व भुगतान शामिल है। साथ ही वह पूंजीगत खर्च में भी इसका उपयोग करेगी। बड़े म्युचुअल फंडों, बीमा कंपनियों ने निर्गम के एंकर हिस्से (30 प्रतिशत) को सब्सक्राइब किया।
इस बीच, जुबिलेंट भरतिया समूह ने अपनी दो कंपनियों – जुबिलेंट बेवको और जुबिलेंट बेवरेजेज के माध्यम से लगभग 5,650 करोड़ रुपये जुटाए हैं।

जुबिलेंट बेवको ने 8.78 प्रतिशत की यील्ड पर 3 वर्षों की परिपक्वता वाले बॉन्डों से 3,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं जबकि जुबिलेंट बेवरिजेज ने 8.65 प्रतिशत की यील्ड पर 3 वर्षीय बॉन्डों के जरिए 2,650 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इन दो कोष उगाही के एंकर हिस्से (1,695 करोड़ रुपये) को बड़े म्युचुअल फंड हाउसों ने खरीदा। समूह कोका कोला की सबसे बड़ी बॉटलर भागीदार की पैतृक कंपनी हिंदुस्तान कोका कोला हो​ल्डिंग्स में 40 फीसदी हिस्सा 12,650 करोड़ रुपये में खरीदने की वित्तीय व्यवस्था के तहत बॉन्डों से 5,650 करोड़ रुपये जुटाने की को​शिश में लगा हुआ था।

रॉकफोर्ट फिनकैप एलएलपी के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर वेंकटकृष्णन श्रीनिवासन ने कहा, ‘इनमें से कई निर्गम 3 वर्षीय अवधि के थे जिनके लिए म्युचुअल फंडों और बीमा कंपनियों की अच्छी मांग देखी गई। अप्रैल से बैंकिंग व्यवस्था में नकदी बढ़ने से म्युचुअल फंडों में पूंजी प्रवाह बढ़ा है जिससे उन्हें जुबिलेंट और वेदांत निर्गमों में एंकर निवेशकों के तौर पररकम लगाने में मदद मिल रही है। एए-रेटिंग वाले ये बॉन्ड 8.65 फीसदी से 9.45 फीसदी के दायरे में आकर्षक यील्ड (आय) की पेशकश करते हैं, जिससे निवेशकों को बेहतर रिटर्न देने के लिए इनकी ओर म्युचुअल फंड आक​र्षित होते हैं।’

पिछले सप्ताह अदाणी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) ने 7.75 फीसदी की दर से 15 वर्षीय बॉन्डों के जरिये 5,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए घरेलू बॉन्ड बाजार की मदद ली। इस निर्गम को सरकारी कंपनी एलआईसी ने पूरा ही सबस्क्राइब किया था।

सरकार के स्वामित्व वाली हडको ने 6.52 की कूपन दर से 3 वर्षीय बॉन्डों से 750 करोड़ रुपये जुटाए। हडको 3,000 करोड़ रुपये (500 करोड़ रुपये का बेस इश्यू और 2,500 करोड़ रुपये का ग्रीन शू ऑप्शन) जुटाने की संभावना तलाश रही थी, लेकिन उसने इसे 750 करोड़ रुपये तक ही सीमित रखा।

बिज़नेस स्टैंडर्ड के सर्वेक्षण में शामिल 10 अर्थशास्त्रियों के अनुसार आरबीआई की मौ​द्रिक नीति समिति (एमपीसी) के शुक्रवार को दरों में 25 आधार अंक की कटौती किए जाने की संभावना है। हालांकि एसबीआई को 50 आधार अंक की कटौती की उम्मीद है। बजाज फाइनैंस की आवास वित्त इकाई बजाज हाउसिंग फाइनैंस ने भी बॉन्डों के जरिये बुधवार को 500 करोड़ रुपये जुटाए।

First Published - June 4, 2025 | 9:41 PM IST

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