डिजिटल भुगतान सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी पेटीएम के प्रमुख का कहना है कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) को तब तक नि:शुल्क बनाए रखा जाना चाहिए जब तक कि डिजिटल स्थानांतरण रकम देने और प्राप्त करने का प्रमुख विकल्प न बन जाए। वन 97 कम्युनिकेशंस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कर्याधिकारी विजय शेखर शर्मा का कहना है कि इससे औपचारिक अर्थव्यवस्था में ज्यादा लोग शामिल होंगे और इसका सकारात्मक असर पड़ेगा। वन 97 कम्युनिकेशंस के अधीन पेटीएम परिचालन करती है। उन्होंने बुधवार को मुंबई में बिजनेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट में ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि इस देश को यूपीआई को उस समय तक नि:शुल्क बनाए रखा जाना चाहिए, जब तक कि बड़ी तादाद में दुकानदार और ग्राहक डिजिटल मोबाइल भुगतान प्रणालियों से भुगतान करने में सक्षम न हो जाएं। अर्थव्यवस्था पर इसका अन्य सकारात्मक असर काफी व्यापक है।’ डिजिटल भुगतान से यह सुनिश्चित होगा कि जो दुकानदार पहले कराधान या अन्य उद्देश्यों के लिए अनुपालन प्रणाली पर अमल नहीं करते थे, उनकी निर्णायक तौर पर औपचारिक वित्तीय व्यवस्था में उपस्थिति होगी। उनका मानना है कि इससे सरकार और वित्तीय व्यवस्था को नीतिगत उद्देश्य के लिए ऐसी इकाइयों तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि फेशियल रिकॉग्नीशन या अन्य नवीनताएं भुगतान का भविष्य साबित हो सकती हैं। पांच साल से कम समय में बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं। तकनीकी बदलावों से संबंधित नियामकीय प्रयासों के बारे में उन्होंने कहा कि नियामकों ने इस दिशा में अच्छा काम किया है। शर्मा ने कहा कि यह कहना उचित नहीं है कि नियामक उद्योग नवाचार की गति से पीछे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि नियामकीय हस्तक्षेप तभी देखा जा सकता है जब नवाचार व्यापक तौर पर और प्रभावी हो।
जहां प्रतिभूति बाजार विनियमन से जुड़े उपभोक्ता बैंकिंग व्यवस्था द्वारा शासित लोगों के मुकाबले कम हैं, जिससे बड़ी तादाद में भारतीय प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था पर इक्विटी बाजार के घटनाक्रम का व्यापक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘बाजार तब संपूर्ण माना जाएगा, जब वह किफायती हो और जिसमें कॉरपोरेट के लिए कोष जुटाने का बाजार हो। मेरी राय में, इस संबंध में बदलाव सही दिशा में उठाए गए कदम हैं।’
पेटीएम के मूल्यांकन के बारे में शर्मा ने कहा कि कंपनी के लिए कई समस्याएं हैं। उन्होंने कहा कि पेटीएम नकदी इस्तेमाल घटाने के संदर्भ में अपने अनुमानों से आगे है। भाग्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि मौजूद बने रहना ही उनके लिए खुशियों का भंडार है। उनकी चिंताओं में अचानक दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं शामिल हैं। उनके लिए संतुष्टि का सबसे बड़ा स्रोत दुनिया का नेतृत्व करने और महज आईटी सेवा प्रदाता से अलग अपनी पहचान बनाने की दिशा में भारत की संभावना है। शर्मा ने कहा, ‘हम दुनिया के उपभोक्ता प्रौद्योगिकी निर्माता के तौर पर जाने जाएंगे।’