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बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए RBI ने जारी किया हरित बॉन्ड स्वीकारने का मसौदा

Last Updated- April 11, 2023 | 10:56 PM IST
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भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के लिए हरित बॉन्ड स्वीकार करने के लिए मसौदा जारी किया है। रिजर्व बैंक ने इसके लिए 9 क्षेत्रों की पहचान की है, जिनमें इन बॉन्डों से जमा धन का इस्तेमाल किया जाएगा। इस मसौदे में कहा गया है, ‘हरित जमा सिर्फ भारतीय रुपये में दिखाई जाएगी।’

कुछ बैंकों और NBFC ने पहले ही हरित जमा स्वीकार करना शुरू कर दिया है, वहीं रिजर्व बैंक ने अब इसके लिए मसौदा पेश करने का फैसला किया। नियामक ने कहा है कि इसका मकसद ‘देश में हरित विकास पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना और इस प्रक्रिया में तेजी लाना है।’

रिजर्व बैंक के नियमन में आने वाली इकाइयों से कहा गया है कि वे हरित जमा पर बोर्ड से अनुमोदित नीति लाएं और इसे जारी करने के सभी पहलुओं के बारे में ब्योरा दें, जिसमें इसे जारी करने और हरित जमा के आवंटन के बारे में जानकारी दी गई हो। हरित जमा के लिए बनाई गई नीति की एक प्रति नियमन इकाइयों (आरई) की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

नियमन के दायरे में आने वाली इकाइयों से कहा गया है कि वे हरित जमा के प्रभावी आवंटन के लिए बोर्ड से मंजूर एक वित्तपोषण ढांचा (एफएफ) तैयार करें। रिजर्व बैंक ने कहा है, ‘वित्त वर्ष के दौरान आरई द्वारा हरित जमा के माध्यम से जुटाई गई राशि का आवंटन एक स्वतंत्र तीसरे पक्ष की पुष्टि/आश्वासन के अधीन होगा, जो सालाना आधार पर किया जाएगा।’ साथ ही यह भी कहा है कि तीसरे पक्ष के आकलन के बाद धन के अंतिम उपयोग के संबंध में आरई को अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं होना चाहिए।

इसके इस्तेमाल के बारे में इस मसौदे में कहा गया है कि हरित जमा से एकत्र किए गए धन का आवंटन आधिकारिक भारतीय ग्रीन टैक्सोनॉमी के मुताबिक होगा। टैक्सोनॉमी को अंतिम रूप दिए जाने तक के लिए रिजर्व बैंक ने 9 क्षेत्र चिह्नित किए हैं, जहां इस धन का इस्तेमाल किया जा सकता है।

इन 9 क्षेत्रों में अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा कुशलता, स्वच्छ परिवहन, जलवायु परिवर्तन स्वीकार्यता, सतत जल और कचरा प्रबंधन, प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण, हरित इमारतें, प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन और जमीन का इस्तेमाल, स्थलीय और जलीय जैव विविधता संरक्षण शामिल है।

इसमें से बाहर किए गए कुछ क्षेत्रों में परमाणु ऊर्जा उत्पादन, खुले में कचरा जलाने, शराब, हथियार, तंबाकू, गेमिंग या पाम ऑयल उद्योग, 25 मेगावॉट क्षमता से बड़ी पनबिजली परियोजनाएं व अन्य शामिल हैं।

First Published - April 11, 2023 | 10:56 PM IST

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