भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को विदेशों से उधार (ईसीबी यानी एक्सटर्नल कॉमर्शियल बारोइंग)लेने की शर्तों को आसान करते हुए कंपनियों को एंड यूजेज में रुपये में व्यय के लिए विदेशों से 50 करोड़ डॉलर तक के उधार लाने की अनुमति दे दी है। इन एंड यूजेज की सूची में औद्योगिक क्षेत्र में निवेश, […]
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सार्वजनिक क्षेत्र के कर्जदाता बैंक आफ इंडिया (बीओआई) ने आज बताया कि 30 सितंबर, 2008 को समाप्त दूसरी तिमाही में उसका शुध्द मुनाफा 79. 39 फीसदी बढ़कर 762. 8 करोड़ रुपए हो गया। बैंक ने बम्बई स्टाक एक्सचेंज (बीएसई) को दी जानकारी में बताया है कि पूर्व वित्त वर्ष की समान अवधि में उसका शुध्द […]
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अब तक बैंक रिटेल और छोटे व मझौले उद्योग (एसएमई) के डिफाल्ट को लेकर चिंतित था। लेकिन वैश्विक मंदी के भारत पर असर के रूप में अब उन्हें कंपनियों के डिफाल्टर होने का अंदेशा सता रहा है। इस स्थिति से निपटने के लिए बैंक चौकन्नी हो गई हैं। वे इस मंदी का किसी क्षेत्र या […]
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा की गई रेपो रेट (वह दर जिससे रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को उधार देता है) कटौती पर अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि उक्त कटौती से केंद्रीय बैंक ने संकेत दिए हैं कि अब उसका लक्ष्य मुद्रास्फीति घटाने की जगह विकास दर पर केंद्रित हो गया है। उन्हें उम्मीद है कि […]
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस समय भारतीय बैंकों द्वारा विदेशों में भेजे जा रहे पैसे पर नजर रख रहा है। इस पूरे मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सेंट्रल बैंक की नजर उन विदेशी बैंकों और प्राइवेट बैंकों पर खासकर है जो विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) निवेशकों के लिए कस्टोडियन का काम करते हैं। […]
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21 सितंबर को मोर्गन स्टेनली निवेश बैंकर से एक बैंक होल्डिंग कंपनी बन गई। 22 सितंबर को उसने घोषणा की कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी प्राइवेट होल्डिंग कंपनी मित्सुबशी यूएफजे (एमयूएफजे) उसकी 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी। एमयूएफजे को भारत में कमर्शियल बैंकिंग के लिए लाइसेंस मिला हुआ है और उसकी यहां पर तीन शाखाएं […]
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घरेलू बाजार से विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निकासी से निपटने के लिए सरकार इक्विटी बाजार में बैंकों के एक्सपोजर की निवेश सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। इस पूरे मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार इस तरह के प्रस्तावों से सरकार घरेलू संस्थागत निवेशकों को बाजार में निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना […]
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दुनिया के वित्त बाजार में आए संकट के बाद अब सरकार द्वारा बैंकों की मदद करना कोई वर्जित या असामान्य सी बात नहीं रही। इसी लाइन पर चलते हुए भारत सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि बैंकों में नकदी की कोई समस्या न हो। हालांकि यहां के हालात यूरोप और अमेरिका से जुदा हैं। […]
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अमेरिकी मंदी की आग की तपन भारत में भी बखूबी महसूस की जा रही है। यही वजह है कि सरकार को आगे आना पड़ा अमेरिका की ही तरह यहां के बैंकों को भी एक तरह से बेलआउट पैकेज की घोषणा करनी पड़ी। बाजार में नकदी की किल्लत न हो और मंदी के बादल न गहराएं, […]
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ऐसे समय में जब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर के उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया अपने अंतिम दौर में पहुंच रही है, यह बहस जोर पकड़ रही है कि क्या किसी बैंकर को ही इस पद के लिए चुनने की चली आ रही प्रथा उचित है। इस पूरे मामले में करीब से जुड़े […]
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