सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों की ओर से अगले माह एक बार फिर ब्याज दरों में कटौती करने की उम्मीद है। सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार की ओर से अभी बैंकों से ब्याज दरों में कटौती करने को नहीं कहा जा रहा है।
फिलहाल सरकार पहले चरण में की गई कटौती का असर देखना चाह रही है। उसके बाद ही आगे कदम उठाया जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि फरवरी में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है। मौजूदा समय में सरकारी बैंकों का प्रधान उधारी दर 12 फीसदी से 13.25 फीसदी है।
पंजाब नेशनल बैंक हाल के दिनों में पहले ही बेंचमार्क में तीन बार कटौती कर चुका है, जबकि भारतीय स्टेट बैंक नवंबर और हाल के इस माह के शुरुआत में दो चरणों में बेंचमार्क में कटौती कर चुका है।
इसके साथ ही आईडीबीआई बैंक भी ब्याज दरों में दूसरी बार कटौती करने जा रहा है। वहीं जमा दरों में भी कटौती की योजना बना रहा है। अधिकारी का कहना है कि छोटे बैंकों की ओर से ब्याज दरों में कटौती में कुछ देरी हो सकती है, लेकिन वे भी जल्द ही ब्याज दरों को घटाएंगे।
एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अधिकारी ने बताया कि बैंक ब्याज दरों में कटौती से पहले जमा दरों को घटाने की योजना बना रहे हैं। अगले कुछ हफ्तों में जमा दरों में भी कटौती की जा सकती है। दरअसल, एसबीआई इस माह के मध्य में ब्याज व जमा दरों की समीक्षा करेगी, उसके बाद अन्य बैंक भी इस ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
एचडीएफसी बैंक के अर्थशास्त्रियों की ओर से जारी रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई कि मार्च तक जमा दरों में 75 से 125 आधार अंकों की कमी आ सकती है। जबकि कर्ज की दरों में 50 से 75 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि बाजार में नकदी का प्रवाह बढ़ाने और सुस्त पड़ रही आर्थिक विकास को रफ्तार देने के मकसद से रिजर्व बैंक की ओर से अक्टूबर से अब तक रेपो रेट में करीब 350 आधार अंकों की कटौती की जा चुकी है, वहीं सीआरआर में करीब 400 आधार अंकों की कटौती की गई है।
इससे बैंकिंग तंत्र में करीब 300,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रवाह हुआ है। रिवर्स रेपो में भी 200 आधार अंकों की कटौती की गई है, ताकि बैंक ज्यादा से ज्यादा कर्ज बांट सकें।
कर्ज की मौजूदा दर
बैंक प्रधान उधारी दर
एसबीआई 12.25
पीएनबी 12.00
केनरा बैंक 12.50
बैंक ऑफ बड़ौदा 12.50
बैंक ऑफ इंडिया 12.50
आईसीआईसीआई 16.75
एचडीएफसी 16.00
यस बैंक 16.50
(आंकड़े प्रतिशत में)
(दिसंबर-जनवरी में प्रधान उधारी दर)