छठे वेतन आयोग की सिफारिशों से सिर्फ केंद्रीय कर्मचारियों के चेहरे पर ही खुशी नहीं है बल्कि देश के विभिन्न बैंक भी वेतन आयोग की रिपोर्ट से काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं।
दरअसल, वेतन आयोग ने सुझाव दिया है कि सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को बैंक ऋण की ब्याज दरों में 2 फीसदी की सब्सिडी मुहैया कराए। इस बाबत बैंकरों का कहना है कि अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो सिर्फ होम लोन के लिए ही एक बड़ा बाजार विकसित हो सकता है। बहरहाल, बैंक सिर्फ इसलिए उत्साहित नहीं हैं कि उन्हें 45 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को सेवा मुहैया कराने का मौका मिल सकता है बल्कि इसलिए भी कि इस क्षेत्र में खतरे उत्पन्न होने की संभावना भी काफी कम होगी।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और एमडी एम. वी. नायर ने बताया,”वेतन आयोग ने जो सुझाव पेश किए हैं, उससे बैंकों का कारोबार और बेहतर हो सकता है। खासकर चालू वित्तीय वर्ष में बैंकों के रिटेल के्रडिट में आई कमी को दूर करने में काफी सहायता मिलेगी।”
बैंकरों का कहना है कि वे नियोक्ता से इस तरह डील कर सकते हैं कि लोन की किस्त कर्मचारियों के वेतन से हर महीने काटी जाएगी। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के एक अधिकारी ने बताया कि अगर कोई कर्मचारी सेवा-निवृत्त होने तक लोन नहीं चुका पाता है तो लोन का शेष हिस्सा सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाली धनराशि से काट लिया जाएगा। बीओआई के कार्यकारी निदेशक के. कामत ने कहा कि इस तरह की व्यवस्था से इससे बैंकों का ऋण बढने में मदद मिलेगी।
हालांकि यह कहना अभी मुश्किल होगा कि रिटेल क्रेडिट पर इसका कितना प्रभाव पड़ेगा। लेकिन छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद ज्यादातर बैंक यही उम्मीद कर रहे हैं कि इससे उनके कारोबार को काफी फायदा होगा।