इंडियन बैंक ने देशभर के स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को इस वित्तीय वर्ष में 20,000 करोड़ रुपये का लोन देने का बड़ा लक्ष्य रखा है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए बैंक ने भुवनेश्वर में ‘मेगा एसएचजी क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम’ का आयोजन किया। यह पहल भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग के सहयोग से की गई, जिसका मकसद महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
इस कार्यक्रम में भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजू, इंडियन बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ बिनोद कुमार, और कार्यकारी निदेशक महेश कुमार बजाज मौजूद थे। इस मौके पर 9,961 स्वयं सहायता समूहों को 509.91 करोड़ रुपये के लोन के लिए स्वीकृति पत्र दिए गए। यह राशि छोटे स्तर की महिला उद्यमियों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करेगी।
बैंक ने बताया कि यह आयोजन ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य के साथ जुड़ा है, जिसके तहत समावेशी विकास और महिलाओं के नेतृत्व में प्रगति पर जोर दिया जा रहा है। यह कार्यक्रम देशभर में चल रही उस पहल का हिस्सा है, जिसके तहत एक करोड़ एसएचजी महिलाओं को लोन की सुविधा दी जाएगी।
बैंक ने कहा कि यह कदम न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।