facebookmetapixel
सस्ते स्टील पर बड़ा प्रहार! भारत ने वियतनाम पर 5 साल का अतिरिक्त टैक्स लगाया45% तक मिल सकता है रिटर्न! शानदार नतीजों के बाद Vodafone Idea, Bharti Airtel में तगड़ी तेजी का सिग्नलदिग्गज Defence Stock बन सकता है पोर्टफोलियो का स्टार, ब्रोकरेज का दावा- वैल्यूएशन तगड़ा; 35% रिटर्न का मौका2025 में 7% की रफ्तार से बढ़ेगी भारत की GDP, मूडीज ने जताया अनुमान35% गिर सकता है ये सरकारी Railway Stock! ब्रोकरेज का दावा, वैल्यूएशन है महंगाक्या सोने की बढ़ती कीमतें आने वाली महंगाई का संकेत दे रही हैं? एक्सपर्ट ने दिया बड़ा संकेतPhysicsWallah या Emmvee या Tenneco! किस IPO में पैसा लगाने रहेगा फायदेमंद, जान लेंPhysicsWallah IPO: सब्सक्राइब करने का आखिरी मौका, जानें GMP और ब्रोकरेज का नजरियाGold and Silver Price Today: सोना ₹1.26 लाख के पार, चांदी ₹1.64 लाख के करीब; दोनों मेटल में जोरदार तेजीएमएसएमई का सरकार से एनपीए नियमों में बड़े संशोधन का आग्रह, 90 से 180 दिन की राहत अवधि की मांग

ICICI Bank और Yes बैंक पर लगा जुर्माना, RBI को मिली नियामकीय अनुपालन में खामी

रिजर्व बैंक के 31 मार्च, 2022 तक के पर्यवेक्षी निरीक्षण में दोनों बैंकों द्वारा उल्लंघन का मामला सामने आया।

Last Updated- May 27, 2024 | 10:46 PM IST
RBI

भारतीय रिजर्व बैंक ने ऋण से संबंधित मानकों का पालन न करने के कारण आईसीआईसीआई बैंक पर 1 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है। वहीं ग्राहक सेवा से जुड़े मानकों के उल्लंघन और आंतरिक/ऑफिस अकाउंट के अनधिकृत परिचालन के कारण निजी क्षेत्र के एक और बैंक येस बैंक पर 91 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है। बैंकिंग नियामक ने सोमवार को यह जानकारी दी।

रिजर्व बैंक के 31 मार्च, 2022 तक के पर्यवेक्षी निरीक्षण में दोनों बैंकों द्वारा उल्लंघन का मामला सामने आया। रिजर्व बैंक ने पाया कि आईसीआईसीआई बैंक ने कुछ संस्थानों को कुछ परियोजनाओं के लिए परिकल्पित बजट साधनों के बदले या वैकल्पिक बजट संसाधन को देखकर ऋण स्वीकृत किया और परियोजनाओं की व्यवहार्यता और पात्रता सुनिश्चित किए बगैर ऋण दिया कि ऋण भुगतान करने योग्य हैं या नहीं।

वहीं येस बैंक में नियामक ने पाया कि बैंक ने बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस की शर्तें पूरी नहीं कीं। बैंक ने ग्राहकों के नाम पर शून्य बैलेंस के कुछ आंतरिक खाते खोले। यह कार्रवाई नियामकीय अनुपालन में खामी को देखते हुए की गई है और इसका मकसद बैंक द्वारा ग्राहकों के साथ किए गए किसी लेनदेन या समझौते की वैधता प्रभावित करना नहीं है।

First Published - May 27, 2024 | 10:46 PM IST

संबंधित पोस्ट