भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) के डीबीएस बैंक इंडिया में प्रस्तावित विलय पर अपना विरोध जताया। राजा ने कहा, ‘कोई भी नहीं जानता कि इतनी जल्दबाजी क्यों की जा रही है। सरकार को मामले की पूरी जांच करनी चाहिए और एलवीबी को डीबीएस बैंक के हाथ में थमाने के फैसले को रोकना चाहिए।’
लक्ष्मी विलास बैंक तमिलनाडु का 94 साल पुराना निजी बैंक है। यह पिछले कुछ वर्षों से घाटा उठा रहा है, जिसकी वजह कुप्रबंधन और जेट एयरवेज, रेलिगेयर, कोक्स ऐंड किंग्स, कॉफी डे, नीरव मोदी और रिलायंस हाउसिंग फाइनैंस जैसे बड़े डिफॉल्टों को दिए गए ऋणों के फंसना है। राजा ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने दोषी शीर्ष अधिकारियों पर कार्रवाई के बजाय यह घोषणा कर दी कि इस बैंक को सिंगापुर के डीबीएस बैंक के हाथ में सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि बैंक के जमाकर्ताओं एवं ग्राहकों और उसके खुदरा निवेशकों के हित में एलवीबी का विलय किसी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में किया जाए।
