आईडीबीआई बैंक के लिए बोली लगाने वालों को कानूनी घोषणा करनी होगी कि उन्हें किसी न्यायालय द्वारा दंडित नहीं किया गया है। साथ ही उन्हें बताना होगा कि गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ), राष्ट्रीय कंपनी कानून पंचाट (एनसीएलटी), राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीली पंचाट (एनसीएलएटी) की ओर से किसी अपराध के कारण विपरीत आदेश का सामना नहीं करना पड़ा है।
सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) के लिए पिछले महीने नंदाल फाइनैंस ऐंड लीजिंग की ओर से लगाई गई बोली को सरकार रद्द करने जा रही है, क्योंकि इसके खिलाफ एनसीएलएटी में मामला लंबित है और यह बिक्री के पात्रता मानदंडों का उल्लंघन है। इसे देखते हुए सरकार ने आईडीबीआई मामले में बोली लगाने वालों के लिए यह शर्त रख दी है।
केंद्र को अभी इस पर भी अंतिम फैसला करना है कि पवन हंस के लिए सफल बोली लगाने वाली स्टार9 मोबिलिटी को सौंपना है या नहीं। यह बिग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड, महाराजा एविएशन प्राइवेट लिमिटेड औऱ अलमास ग्लोबल अपॉर्चुनिटी फंड एसपीसी का संयुक्त उपक्रम है।
कंसोर्टियम को सफल बोलीकर्ता चुने जाने के बाद यह पाया गया अलमास ग्लोबल कोलकाता की बिजली पारेषण कंपनी ईएमसी लिमिटेड के दिवाला मामले में सफल समाधान आवेदक के रूप में उभरी लेकिन उसने भुगतान नहीं किया। इसके कारण एनसीएलटी द्वारा अलमास को दंडित किया जा चुका है।
आईडीबीआई बैंक के लिए शुक्रवार को विनिवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) द्वारा शुक्रवार को रुचि पत्र जारी किया गया था। सरकार और एलआईसी की इसमें संयुक्त रूप से 60.7 प्रतिशत हिस्सेदारी है और यह हिस्सेदारी बेची जानी है।