चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में कंपनियों की मुनाफा वृद्धि में सुधार हुआ है मगर यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से जिंस उत्पादकों की बदौलत आई है। अन्य क्षेत्र की कंपनियों की आय के आंकड़े और खराब हुए तथा तिमाही के दौरान आय एवं लाभ वृद्धि में नरमी देखी गई। नतीजे जारी करने वाली 2,647 सूचीबद्ध कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 10.8 फीसदी बढ़ा है जो पिछली 6 तिमाही में सबसे अच्छा है। बैंक, वित्तीय सेवा, बीमा और ब्रोकिंग (बीएफएसआई) को छोड़ दें तो बाकी कंपनियों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा और दूसरी तिमाही में उनका कुल मुनाफा 15.3 फीसदी बढ़ा जो वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही के बाद सबसे अच्छी वृद्धि है।
हालांकि गैर बीएफएसआई और गैर जिंस उत्पादक कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में महज 6.3 फीसदी बढ़ा जो 17 तिमाही में सबसे धीमी वृद्धि है। इसकी तुलना में इन कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 11.4 फीसदी और वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 6.8 फीसदी बढ़ा था।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के विश्लेषकों ने वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही के नतीजों की अंतरिम समीक्षा में लिखा है, ‘चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनियों की कुल कमाई अनुमान से बेहतर रही है जिसमें तेल एवं गैस, सीमेंट और धातु जैसी कंपनियों का अहम योगदान रहा। वैश्विक जिंस जैसे धातु और तेल एवं गैस कंपनियों को हटा दें तो हमारे नमूने में शामिल कंपनियों का लाभ 6 फीसदी बढ़ा है जबकि हमने 2 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया था।’
सिस्टमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल इक्विटी में शोध और इक्विटी रणनीति के सह-प्रमुख धनंजय सिन्हा कहते हैं, ‘वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही के नतीजों से वाहन, आईटी और बैंकिंग सहित उपभोक्ता मांग में निरंतर नरमी का संकेत दिखा है। इसके उलट कुछ चक्रीय और निवेश संबंधी क्षेत्रों जैसे धातु, तेल एवं गैस और पूंजीगत वस्तुओं से जुड़ी कंपनियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है।’
बिज़नेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल सभी सूचीबद्ध कंपनियों का कुल शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में बढ़कर लगभग 3.62 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में लगभग 3.27 लाख करोड़ रुपये था लेकिन वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 3.77 लाख करोड़ रुपये था। बीएफएसआई को छोड़कर अन्य कंपनियों का कुल लाभ वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में बढ़कर लगभग 2.3 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में करीब 2 लाख करोड़ रुपये था लेकिन वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के लगभग 2.44 लाख करोड़ रुपये से कम रहा। इसकी तुलना में बीएफएसआई और जिंस कंपनियों को छोड़कर बाकी फर्मों का कुल शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के 1.44 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 1.53 लाख करोड़ रुपये रहा लेकिन वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के 1.61 लाख करोड़ रुपये से कम रहा।
इसी तरह नमूने में शामिल कंपनियों की शुद्ध आय/बिक्री वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 7.2 फीसदी बढ़ी जो वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 7 फीसदी और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6.6 फीसदी वृद्धि से बेहतर है। बीएफएसआई को छोड़कर अन्य कंपनियों की कुल आय वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 7.5 फीसदी बढ़ी जो पिछली 10 तिमाहियों में सबसे तेज गति से बढ़ी। हालांकि बीएफएसआई और जिंस कंपनियों को छोड़कर बाकी की कुल आय वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 8.3 फीसदी बढ़ी जो पिछली छह तिमाहियों में सबसे धीमी वृद्धि है। वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में इन कंपनियों की कुल आय 9.2 फीसदी बढ़ी थी।
आय वृद्धि में रिलायंस इंडस्ट्रीज सहित कच्चे तेल की रिफाइनिंग कंपनियों, खनन एवं धातु कंपनियों और सीमेंट उत्पादकों का अहम योगदान रहा। आईटी सेवा, एफएमसीजी, वाहन, बिजली, निर्माण और बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कंपनियों जैसे अन्य प्रमुख क्षेत्रों की कंपनियों ने वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में आय और मुनाफे में एक अंक की वृद्धि के साथ नरम प्रदर्शन किया।
तेल एवं गैस और सीमेंट कंपनियों को कम आधार का फायदा हुआ क्योंकि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में इस क्षेत्र की कंनियों की कमाई में भारी गिरावट आई थी। रिलायंस इंडस्ट्रीज सहित तेल एवं गैस कंपनियों का कुल शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 42.6 फीसदी घट गया था और सीमेंट विनिर्माताओं का कुल लाभ 64.6 फीसदी घटा था। यह स्थिति उलट गई और तेल एवं गैस कंपनियों का कुल शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 43.1 फीसदी बढ़कर 47,072 करोड़ रुपये रहा जबकि सीमेंट कंपनियों का मुनाफा 1,023.1 करोड़ रुपये से चार गुना से अधिक बढ़कर 4,236 करोड़ रुपये हो गया।
तेल और गैस कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 8.8 फीसदी बढ़ी जो मार्च 2023 तिमाही के बाद से सबसे तेज वृद्धि है। सीमेंट कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 16.2 फीसदी बढ़ी, जो दिसंबर 2022 तिमाही के बाद से सबसे तेज बढ़ोतरी है।
टाटा स्टील, हिंडाल्को, कोल इंडिया और जेएसडब्ल्यू स्टील जैसी खनन और धातु कंपनियों का कुल शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 18.9 फीसदी बढ़कर 25,709 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 21,623 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 29,531 करोड़ रुपये था। इन कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 10.5 फीसदी बढ़ी जो पिछली 12 तिमाहियों में सबसे तेज वृद्धि है।
कुल आय में सबसे बड़ा योगदान देने वाले बैंकों को भी चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान ऋण वृद्धि में मंदी और शुद्ध ब्याज मार्जिन में कमी से जूझना पड़ा। बैंकों की सकल ब्याज आय 4.3 फीसदी बढ़ी जो वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही की 13.2 फीसदी सालाना वृद्धि से काफी कम है और पिछली 15 तिमाहियों में सबसे धीमी वृद्धि है। बैंकों का कुल शुद्ध लाभ महज 0.2 फीसदी बढ़ा जो कम से कम पिछली 17 तिमाहियों में सबसे धीमी वृद्धि है। बैंकों ने वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 94,037 करोड़ रुपये का कुल शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो सभी कंपनियों के कुल शुद्ध लाभ का 26 फीसदी है जबकि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में यह हिस्सेदारी 28.7 फीसदी थी।