श्रीनगर: नौगाम पुलिस थाने में विस्फोट के बाद मौके पर सुरक्षा कर्मी। 8 मृत, 27 घायल। (PTI)
Nowgam Blast: श्रीनगर के नौगाम पुलिस थाने में शुक्रवार देर रात अचानक विस्फोट हो गया। इस हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई और 27 लोग घायल हो गए। घायल और मृतक में ज्यादातर पुलिसकर्मी और फोरेंसिक अधिकारी शामिल हैं।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, विस्फोट उस समय हुआ जब पुलिसकर्मी हरियाणा के फरीदाबाद से लाई गई जब्त विस्फोटक सामग्री के नमूने ले रहे थे। यह विस्फोटक सामग्री डॉक्टर मुजम्मिल गनई के किराए के आवास से बरामद कुल 360 किलोग्राम विस्फोटकों का हिस्सा थी।
घायलों को श्रीनगर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मृतकों की पहचान अभी जारी है। विस्फोट के बाद एम्बुलेंस और पुलिस वाहनों की सायरन रात के सन्नाटे में गूंजती रही। लगातार छोटे विस्फोटों के कारण बचाव अभियान मुश्किल हो गया।
जांच में सामने आया कि पुलिस ने अक्टूबर में नौगाम में धमकी भरे पोस्टर मिलने के बाद इस मामले की जांच शुरू की थी। सीसीटीवी फुटेज से पहले तीन संदिग्धों की पहचान हुई: आरिफ निसार डार, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार। पूछताछ में शोपियां के मौलवी इरफान अहमद को भी गिरफ्तार किया गया, जिसने पोस्टर मुहैया कराए थे।
इसके बाद श्रीनगर पुलिस ने फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय में छापा मारा और डॉक्टर मुजम्मिल गनई और डॉक्टर शाहीन सईद को गिरफ्तार किया। इनके पास अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर जैसे रसायन मिले।
जांचकर्ताओं के अनुसार, यह मॉड्यूल मुख्य रूप से चिकित्सकों की एक तिकड़ी चला रही थी – मुजम्मिल गनई (गिरफ्तार), उमर नबी (लाल किले के पास विस्फोट में शामिल) और मुजफ्फर राठेर (फरार)। मुजफ्फर राठेर के भाई, डॉ. अदील राठेर की भूमिका भी जांच में है। उनके पास से एक AK-56 राइफल भी बरामद हुई।
अक्टूबर के मध्य में नौगाम के बनपोरा इलाके में पुलिस और सुरक्षा बलों को धमकी देने वाले पोस्टर दिखाई दिए। इसे गंभीर मामला मानते हुए श्रीनगर पुलिस ने 19 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की और जांच के लिए विशेष टीम बनाई।
सीसीटीवी फुटेज के फ्रेम-दर-फ्रेम विश्लेषण से पहले तीन संदिग्धों की पहचान हुई। ये तीनों हैं – आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद। इन्हें पहले भी पथराव के मामलों में नामजद किया गया था। पोस्टर चिपकाते हुए इन्हें पकड़ लिया गया।
पूछताछ में पता चला कि शोपियां के एक पूर्व पैरामेडिक और मौलवी बने इरफान अहमद ने पोस्टर मुहैया कराए थे। माना जा रहा है कि उन्होंने अपने मेडिकल पेशे का इस्तेमाल करके अन्य चिकित्सकों को कट्टरपंथ की ओर प्रेरित किया।
इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में छापा मारा और वहां से डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई और डॉ. शाहीन सईद को गिरफ्तार किया। साथ ही, अमोनियम नाइट्रेट, पोटैशियम नाइट्रेट और सल्फर सहित कई खतरनाक रसायन भी जब्त किए गए।
पुलिस का मानना है कि यह पूरा मॉड्यूल मुख्य रूप से तीन चिकित्सकों – मुजम्मिल गनई (गिरफ्तार), उमर नबी (लाल किले के पास विस्फोट में शामिल कार का चालक) और मुजफ्फर राठेर (फरार) द्वारा संचालित था। फरार मुजफ्फर राठेर के भाई, डॉ. अदील राठेर की भूमिका भी जांच के दायरे में है। अदील राठेर के पास से एक एके-56 राइफल भी जब्त की गई है।
पुलिस अब पूरे मामले की गहन जांच कर रही है और फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है।
(-पीटीआई इनपुट)