HDFC Bank deposit growth: सितंबर तिमाही के नतीजे आने में अब कुछ ही वक्त और बचे हैं। सभी कंपनियां वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही के रिजल्ट्स (Q2FY25 Results) जल्द ही जारी करना शुरू करेंगी। लेकिन उससे पहले, आज यानी शुक्रवार को निजी क्षेत्र के भारत के सबसे बड़े बैंक, एचडीएफसी बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (सितंबर 2024 को समाप्त) में जमा वृद्धि ने ऋण वृद्धि को पीछे छोड़ दिया है।
एक्सचेंज को दी गई जानकारी के मुताबिक सितंबर तिमाही में बैंक ने जमा में करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं। निजी क्षेत्र के ऋणदाता ने वित्त वर्ष 2025की पहली तिमाही की तुलना में वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में क्रमिक आधार पर जमा में 5.1 फीसदी वृद्धि दर्ज की है, वहीं इस दौरान इसके द्वारा दिए गए कर्ज में 1.3 फीसदी वृद्धि दर्ज हुई है।
यहां तक कि सालाना आधार पर भी वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में एचडीएफसी बैंक के जमा में वृद्धि दर ऋण में वृद्धि की तुलना में ज्यादा है। दूसरी तिमाही के अंत में जमा बढ़कर 25 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 15.1 फीसदी ज्यादा है।
इस दौरान बैंक द्वारा दिया गया कुल कर्ज 25.19 लाख करोड़ रुपये है, जो सालाना आधार पर 7 फीसदी ज्यादा है। एचडीएफसी बैंक ने इसके पहले संकेत दिया था कि बैंक अपने जमा की तुलना में ऋण में सुस्त रफ्तार से बढ़ोतरी करेगा क्योंकि वह बढ़ा हुआ ऋण जमा अनुपात (एलडीआर) विलय के पहले के स्तर पर लाना चाहता है।
ऋण प्रदाता एचडीएफसी का विलय 1 जुलाई 2023 से एचडीएफसी बैंक में हो गया था। पहली तिमाही के कंपनी परिणाम के बाद बैंक के एमडी और सीईओ शशिधर जगदीशन ने कहा था कि बैंक का लक्ष्य एलडीआर जल्द से जल्द घटाना और मुनाफे वाली वृद्धि की प्रतिबद्धता बनाए रखना है।
बहरहाल बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में उसने ज्यादा एलडीआर को नीचे लाने की पहल के तहत 19,200 करोड़ रुपये ऋण का प्रतिभूतिकरण किया है।
मैक्वेरी रिसर्च की हाल की एक रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि एचडीएफसी बैंक का एलडीआर इसके करीब 110 फीसदी के उच्च स्तर से घटकर 103.5 फीसदी पर आ गया है, जो बैंक की समेकन की रणनीति के मुताबिक है, जिसमें मध्यावधि के हिसाब से मुनाफे और लाभप्रदता पर बल दिया गया है।
शुक्रवार को एक्सचेंज को दी गई जानकारी के मुताबिक एचडीएफसी बैंक की चालू खाता और बचत खाता (कासा) में जमा वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 8.83 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही की तुलना में 8 फीसदी ज्यादा और वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही की तुलना में 2.3 फीसदी ज्यादा है।
इसके अलावा, वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में इसका सावधि जमा 16.16 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले साल की समान अवधि से 19.3 फीसदी और इसके पहले की तिमाही से 6.7 फीसदी ज्यादा है। यह संकेत है कि जमा दरें बढ़ने के कारण ग्राहक सावधि जमा को तरजीह दे रहे हैं।
बैंक के प्रबंधन के तहत ऋण वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 26.33 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले साल की समान अवधि से 8 फीसदी ज्यादा है।