भारतीय रिजर्व बैंक ने आज बैंकों को निर्देश दिया कि वे लीमन ब्रदर्स के साथ अपने इंट्रेस्ट रेट स्वैप (आईआरएस) की पोजीशन को जल्द से जल्द खत्म करें।
सूत्रों का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने इस सप्ताह स्थानीय आईआरएस बाजार में लीमन ब्रदर्स में बैंकों के एक्सपोजर की जानकारी के लिए बैंकों से बातचीत की थी।
केंद्रीय बैंक के दिशा-निर्देशों के बारे में पूछे जाने पर एक बैंकर ने कहा कि हां यह सही है। केंद्रीय बैंक ने हमें अपने पोजीशन खत्म करने के लिए कहा है। गौरतलब है कि मॉर्गेज संबंधित सिक्योरिटीज के एक्सपोजर में भारी घाटा उठाने के बाद अमेरिका के चौथे सबसे बड़े निवेश बैंक लीमन ब्रदर्स ने दिवालिया घोषित करने के लिए आवेदन किया था।
भारतीय रिजर्व बैंक के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्राथमिक रूप से यह एक दोतरफा मामला है। एक बाजार विनियामक होने के नाते हमारी रुचि बाजार को व्यवस्थित ढंग से चलाने में है।
इसलिए हम सहज रास्तों को खोज रहे हैं। बैंकर ने कहा कि रिजर्व बैंक ने ये स्वैप पोजीशन सोमवार या मंगलवार तक निपटाने को कहा है।
उसने कहा कि सेटलमेंट एक या दो दिनों में हो जाएगा। किन दरों पर इन लेन-देन का खुलासा किया जाएगा, इस पर बैंकर ने कहा कि इसके लिए मंगलवार को वैल्यू कर्व का इस्तेमाल होगा।
मंगलवार को केंद्रीय बैंक ने लीमन की भारतीय प्राथमिक डीलरशिप से सरकारी प्रतिभूतियों के लेन-देन में एक प्राथमिक बाजार के प्राथमिक डीलर के रूप में भाग न लेने के लिए कहा था।
इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने लीमन ब्रदर्स कैपिटल से कहा था कि उसे किसी भी भारतीय संस्थान से किसी भी प्रकार का परोक्ष या अपरोक्ष रूप से सौदा करने के लिए अनुमति लेनी होगी।
बैंक ने इसके अलावा किसी भी प्रकार का विदेशी समझौता करने पर भी पाबंदी लगाई है। बैंक ने कहा कि बिना अनुमति के किसी भी प्रकार का विदेशी लेन देन नहीं किया जाना चाहिए।