महाराष्ट्र चुनाव में अब कुछ ही दिन बाकी हैं और सभी पार्टियां जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं। उम्मीदवारों के नामांकन के बाद अब एमवीए और महायुति को अपने ही बागियों से डर सता रहा है।
भाजपा के पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी और कांग्रेस की मधुरिमा राजे छत्रपति जैसे प्रमुख उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लेने के अंतिम दिन चुनावी मुकाबले से पीछे हट गए। इसके बावजूद कई बागी उम्मीदवार मैदान में डटे हुए हैं।
एमवीए और महायुति को बागियों के चलते हार का डर सता रहा है। इस बीच तीन बड़े चेहरों के नामांकन वापस लेने के चलते भाजपा ने राहत की सांस ली है। भाजपा के बागी नेता और पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने पार्टी द्वारा टिकट न दिए जाने के बाद निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल किया था। अब उन्होंने मुंबई की बोरीवली विधानसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी वापस लेने की घोषणा की।
शेट्टी की बगावत को भाजपा के गढ़ में झटका माना जा रहा था। उन्होंने 2014 और 2019 में चार लाख से अधिक के अंतर से मुंबई उत्तर लोकसभा सीट जीती, लेकिन 2024 के आम चुनावों में उन्हें टिकट नहीं दिया गया। यह सीट भाजपा के वरिष्ठ नेता पीयूष गोयल ने जीती, जो अब केंद्रीय मंत्री हैं। भाजपा ने बोरीवली सीट से संजय उपाध्याय को उम्मीदवार बनाया है।
शेट्टी ने कहा कि मैं आज अपना नामांकन वापस ले रहा हूं। मेरी आपत्ति भाजपा की कार्यशैली को लेकर थी, जहां मेरे जैसे पार्टी कार्यकर्ताओं से परामर्श किए बिना ही फैसले लिए जाते हैं। पार्टी लगातार विधानसभा चुनावों के लिए बाहर से उम्मीदवार उतार रही थी और यह माना जा रहा था कि यह सब मुझसे परामर्श के बाद किया जा रहा है। जब बोरीवली विधानसभा सीट से (पूर्व में) उम्मीदवारों का चयन किया गया तो मुझसे कभी विचार विमर्श नहीं किया गया। मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं और मैंने हमेशा निर्णय लेने की एक खास शैली के प्रति अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं।
अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट से भाजपा की एक अन्य असंतुष्ट उम्मीदवार स्वैच्छिक शर्मा ने भी अपना नामांकन वापस लेने की घोषणा की है। स्वीकृति एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी हैं और वो शिवसेना (शिंदे गुट) नेता मुरजी पटेल को चुनौती दे रही थीं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्वीकृति को खुले तौर पर कहा कि स्वीकृति हमारे उम्मीदवार को जीता दें, फिर हम उन्हें भी विधायक बना देंगे। हम डायरेक्ट विधायक (विधान परिषद सदस्य) बना देंगे ।
पार्टी नेतृत्व के दबाव के बावजूद मुंबई के माहिम विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना उम्मीदवार सदा सरवणकर ने अपना नाम वापस नहीं लिया और उनका मुकाबला महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे से होगा। अमित ठाकरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे जाने से नाराज मनसे ने करीब 100 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं, जिसमें से मुंबई महानगरीय क्षेत्र की 25 सीटे शामिल हैं।
भाजपा माहिम सीट पर मनसे का समर्थन करने की बात कर रही है, लेकिन शिंदे के प्रत्याशी न हटाए जाने के चलते राज ठाकरे के निशाने पर भाजपा और शिंदे दोनों ही हैं । मुंबई इलाके की जिन सीटों पर राज ठाकरे ने उम्मीदवार उतारे हैं, उसमें 12 सीट पर भाजपा और 10 सीट पर एकनाथ शिंदे गुट वाले शिवसेना के प्रत्याशी से मुकाबला है।
कांग्रेस के मुख्तार शेख ने पुणे के कस्बा पेठ विधानसभा क्षेत्र से नामांकन वापस ले लिया और पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार रवींद्र धांगेकर को समर्थन देने की घोषणा की। कांग्रेस उम्मीदवार मधुरिमा राजे छत्रपति नामांकन वापस लेने की समय सीमा समाप्त होने से कुछ मिनट पहले कोल्हापुर उत्तर की चुनावी दौड़ से पीछे हट गईं।
मनोज जरांगे ने वापस ली उम्मीदवारी
नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में किसी भी उम्मीदवार या पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे और उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल करने वाले अपने समर्थकों से अपना नाम वापस लेने को कहा।
जरांगे ने कहा कि काफी विचार-विमर्श के बाद मैंने राज्य में कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। मराठा समुदाय खुद तय करेगा कि किसे हराना है और किसे चुनना है। मैं किसी भी उम्मीदवार या राजनीतिक दल को समर्थन नहीं दे रहा और ना ही मेरा उनसे कोई संबंध है। उन्होंने नामांकन दाखिल करने वाले अपने समर्थकों से अपनी उम्मीदवारी वापस लेने को कहा।
20 नवंबर को होगा मतदान
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर 20 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा। मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी।