UP By Election: उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल समझे जाने वाले 9 सीटों के उपचुनावों के लिए प्रचार सोमवार को समाप्त हो गया है। करो या मरो की तर्ज पर इन चुनावों को लड़ रही सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दर्जनों बड़े नेताओं ने सोमवार शाम तक चुनाव क्षेत्रों में सभाएं, रैलियां और रोड शो कर माहौल बनाया तो वहीं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मीरापुर में 18 गांवों में रोड शो निकाल कर मतदाताओं को रिझाया।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में पूर्ण बहुमत से काफी आगे होने के बाद भी भाजपा इन उपचानवों को काफी गंभीरता से ले रही है। लोकसभा चुनाव में सपा के हाथों पिछड़ कर नंबर दो पर जाने के ठप्पे को मिटाने को आतुर भाजपा इन सीटों पर तीन महीनों से सघन प्रचार कर रही है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब तक उपचुनावों वाले क्षेत्रों में दो-दो बार रैलियां कर चुके हैं।
भाजपा इन चुनावों को लेकर कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उपचुनाव वाली दो-दो विधानसभाओं के प्रचार अभियान की कमान मुख्यमंत्री, दोनो उपमुख्यमंत्रियों और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को सौंपी गयी है। प्रदेश में हो रहे 9 विधानसभाओं के उपचुनावों में प्रत्येक पर तीन-तीन कैबिनेट मंत्रियों को बीते 15 दिन से कैंप कर रहे हैं।
प्रदेश में जिन नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं वहां एक ओर तो सत्तारूढ़ भाजपा ध्रुवीकरण से जीत की संभावनाएं तलाश रही है वहीं दूसरी ओर विपक्षी समाजवादी पार्टी को उसके ही हथियार से मारने के लिए बड़ी तादाद में पिछड़ी जातियों के प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। जिन 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं उनमें से भाजपा ने एक मीरापुर उसने अपने सहयोगी दर राष्य्रीय लोकदल के लिए छोड़ा है जबकि बाकी 8 पर खुद चुनाव लड़ रही है।
पीडीए की राजनीति से लोकसभा चुनावों में पार्टी नंबर वन बनी समाजवादी पार्टी को उसी के हथियार से मात देने के लिए भाजपा ने यूपी के उपचुनावों में बड़ी तादाद में पिछड़े प्रत्याशियों पर भरोसा जताया है। जिन 8 सीटों पर भाजपा चुनाव लड़ रही है उनमें उसने मंझवा (मिर्जापुर), फूलपुर (प्रयागराज), कटेहरी (अंबेडकरनगर) और करहल (मैनपुरी) में पिछड़ी जाति के प्रत्याशी उतारे हैं जबकि सुरक्षित सीट खैर में दलित उम्मदीवार है। रालोद के कोटे में गयी मीरापुर की सीट पर भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का पिछड़ी जाति का प्रत्याशी है। यही नहीं भाजपा ने पिछड़ी जातियों में भी उत्तर प्रदेश में राजनीति और संख्या के लिहाज के प्रभावी बिरादरियों को मैदान में उतारा है।
भाजपा ने करहल से भाजपा ने अनुजेश यादव (अहीर), कटेहरी से धर्मराज निषाद (मल्लाह), फूलपुर से दीपक पटेल (कुर्मी) और मंझवा से सुचिस्मिता मौर्य (मौर्य) बिरादरी को टिकट देते हुए पिछड़े वोटों में बंटवारे की रणनीति अपनायी है। एनडीए के घटक दल रालोद ने भी मीरापुर से गरड़िया समुदाय के मिथिलेश पाल को टिकट दिया है।
उपचुनावों में पिछड़े वोटों को लेकर मार इस कदर है कि 9 सीटों में से भाजपा ने केवल तीन तो सपा ने एक भी अगड़े को टिकट नहीं दिया है। अगड़ों में भाजपा ने कुंदरकी से ठाकुर सोमपाल, कानपुर की सीसामऊ और गाजियाबाद से ब्राह्म्ण समाज के सुरेश त्रिवेदी व संजीव शर्मा को टिकट दिया है। सपा ने नौ सीटों में मीरापुर, कुंदरकी, सीसामऊ और फूलपुर में अल्पसंख्यक तो करहल, कटेहरी और मंझवा में पिछड़ी जाति के प्रत्याशी उतारे हैं। खैर सुरक्षित के साथ ही गाजियाबाद की सामान्य सीट पर भी सपा ने दलित बिरादरी का प्रत्याशी उतारा है।
चुनाव दर चुनाव कमजोर होती जा रही बहुजन समाज पार्टी ने भी उपचुनाव में अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं। हालांकि महज खानापूरी के लिए लड़ती दिख रही बसपा ने 9 विधानसभा सीटों के उपचुनावों में केवल एक रैली की है। वहीं चंद्रखेकर रावण की आजाद समाज पार्टी और ओवैसी की एमआईएम ने भी सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं।
उत्तर प्रदेश में करहल, मीरापुर, कटेहरी, सीसामऊ, मंझवा, फूलपुर, कुंदरकी, गाजियाबाद और खैर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें से चार सीटें करहल, कुंदरकी, कटेहरी व सीसामऊ पूर्व में सपा के पास तो शेष पांच सीटें भाजपा गठबंधन के पास थीं।