facebookmetapixel
ITR फाइल तो कर दिया, लेकिन अभी तक रिफंड नहीं मिला? जानें किन-किन वजहों से अटकता है पैसाFMCG, कपड़ा से लेकर ऑटो तक… GST कटौती से क्या कंजम्पशन फंड्स बनेंगे निवेश का नया हॉटस्पॉट?Income Tax: क्या आपको विरासत में मिले सोने पर भी टैक्स देना होगा? जानें इसको लेकर क्या हैं नियमTop-5 Mid Cap Fund: 5 साल में ₹1 लाख के बनाए ₹4 लाख; हर साल मिला 34% तक रिटर्नभारत-इजरायल ने साइन की बाइलेट्रल इन्वेस्टमेंट ट्रीटी, आर्थिक और निवेश संबंधों को मिलेगी नई मजबूतीभारत में जल्द बनेंगी सुपर एडवांस चिप्स! सरकार तैयार, Tata भी आगे₹100 से नीचे ट्रेड कर रहा ये दिग्गज स्टॉक दौड़ने को तैयार? Motilal Oswal ने दी BUY रेटिंग; चेक करें अगला टारगेटअमेरिका टैरिफ से FY26 में भारत की GDP 0.5% तक घटने की संभावना, CEA नागेश्वरन ने जताई चिंताPaytm, PhonePe से UPI करने वाले दें ध्यान! 15 सितंबर से डिजिटल पेमेंट लिमिट में होने जा रहा बड़ा बदलावVedanta Share पर ब्रोकरेज बुलिश, शेयर में 35% उछाल का अनुमान; BUY रेटिंग को रखा बरकरार

Telangana Polls 2023 : वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में 500 से अधिक मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा होगी

अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा से लगे तेलंगाना के आठ जिलों में लगभग 511 मतदान केंद्र ऐसे हैं जिनकी पहचान वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों के रूप में की

Last Updated- October 30, 2023 | 12:52 PM IST
Lok Sabha Elections 2024: Sixth phase of voting today, 58 seats will be contested लोक सभा चुनाव 2024: छठें चरण का मतदानआज, 58 सीटों पर होगी जोर आजमाइश
Representative Image

छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा से लगे तेलंगाना के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित (एलडब्ल्यूई) इलाकों में 500 से अधिक मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे ताकि राज्य में 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को बाधित करने की हर कोशिश को नाकाम किया जा सके।

स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध कर रहे निर्वाचन अधिकारियों ने कहा कि 119 में से 14 निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान वामपंथी उग्रवाद के संदर्भ में संवेदनशील इलाकों के रूप में की गई है।

अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा से लगे तेलंगाना के आठ जिलों में लगभग 511 मतदान केंद्र ऐसे हैं जिनकी पहचान वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों के रूप में की गई है। तेलंगाना के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) विकास राज ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘इसी के अनुसार, राज्य पुलिस बल के अलावा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के जवानों को अतिरिक्त संख्या में इन इलाकों में तैनात किया जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में मतदान की अवधि अन्य क्षेत्रों की तुलना में थोड़ी भिन्न होगी। यह पूछे जाने पर कि क्या अधिकारियों को माओवादियों से किसी खतरे या हिंसा की आशंका है, सीईओ ने कहा, ‘‘हमारे यहां ऐसी कोई घटना नहीं हुई है, इसलिए मुझे पूरी उम्मीद है कि ऐसा कुछ नहीं होगा।’’ उन्होंने साथ ही कहा कि पुलिस किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना के निपटने के लिए पूरी तरह तैयार और सतर्क है। विकास राज कहा कि अब तक राज्य में केंद्रीय बलों की 100 से अधिक कंपनी आ चुकी हैं जिन्हें जांच चौकी और विभिन्न दलों की आवश्यकता के आधार पर तैनात किया गया है और वे ‘फ्लैग मार्च’ कर रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य भर में 35,000 से अधिक मतदान केंद्रों में से लगभग 10,000 की पहचान ‘‘जोखिम वाले’’ (क्रिटिकल) केंद्रों के रूप में की गई है।

यह भी पढ़ें : तेलंगाना में यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो कल्याणकारी योजनाएं बंद कर देगी: मुख्यमंत्री केसीआर

सीईओ ने कहा, ‘‘यह संख्या चुनाव के करीब आने के बाद स्थिति के आधार पर बदल सकती है। संवेदनशील और अति-संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान करने की कवायद जारी है।’’ सीईओ ने चुनाव की सामान्य तैयारियों को लेकर कहा कि वे मुख्य रूप से चुनाव संबंधी वैधानिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘अधिसूचना जारी होने के बाद निर्वाचन अधिकारी नामांकन प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। पीठासीन अधिकारियों और मतदान अधिकारियों समेत आवश्यक मानवबल भी तैयार हो रहा है।’’

सीईओ ने कहा, ‘‘इस बार हम हर जांच चौकी और हर उड़नदस्ते में इंटरनेट प्रोटोकॉल-आधारित कैमरे लगाएंगे ताकि उनके कार्यों पर नियंत्रण कक्ष से नजर रखी जा सके। हमने राजनीतिक दलों को प्रणाली का निरीक्षण करने और यह देखने के लिए आमंत्रित किया है कि पूरी प्रक्रिया कितनी निष्पक्ष है।’’

उन्होंने आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) पर कहा कि आयोग जून से व्यवस्था बनाए रखने पर खास तौर पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और केंद्र एवं राज्य सरकारों के 21 विभागों को इस काम में लगाया गया है।

First Published - October 30, 2023 | 12:51 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट