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Maharashtra Elections: चुनावी बयार में उलझा चीनी उद्योग

वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ने चिंता जताई है कि अगर महाराष्ट्र सरकार ने पेराई सत्र की शुरुआत 15 नवंबर की बजाय 25 नवंबर तक टाल दी तो चीनी उद्योग को काफी नुकसान हो सकता है।

Last Updated- November 12, 2024 | 8:01 PM IST
Sugarcane

Maharashtra Elections: महाराष्ट्र में गन्ना सीजन 2024-25 के गन्ना पेराई लाइसेंस के लिए अब तक 203 चीनी मिलों ने आवेदन दाखिल किए है। महाराष्ट्र में गन्ना पेराई सीजन 15 नवंबर से शुरू करने के निर्देश दिए गए है। राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 नवंबर को होगा, जिसको देखते हुए राजनीतिक दलों की तरफ से मतदान के बाद पेराई सीजन शुरु करने की मांग की जा रही है। जबकि चीनी उद्योग सीजन जल्दी शुरू करने की मांग कर रहे हैं।
राज्य के राजनीतिक दलों का कहना है कि राज्य में 15 नवंबर से गन्ना पेराई सीजन शुरु होने के कारण भारी संख्या में मजदूर, किसान और गन्ना मिलों में काम करने वाले कर्मचारी मतदान से दूरी बना सकते हैं जिसको देखते हुए राज्य में गन्ना पेराई सीजन 20 तारीख के बाद शुरु किया जाए। राजनीतिक दलों की इस मांग का उद्योग जगत के लोग विरोध कर रहे हैं।

वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ने चिंता जताई है कि अगर महाराष्ट्र सरकार ने पेराई सत्र की शुरुआत 15 नवंबर की बजाय 25 नवंबर तक टाल दी तो चीनी उद्योग को काफी नुकसान हो सकता है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष बीबी थोम्बरे ने कि पेराई सत्र में पहले ही देरी हो चुकी है। हमने सरकार से अनुरोध किया था कि मिलों को 5 नवंबर से ही पेराई शुरू करने की अनुमति दी जाए। हालांकि, मंत्रिस्तरीय समिति ने सत्र 15 नवंबर से शुरू करने का फैसला किया है। इस देरी के कारण चीनी मिल कर्मचारी और पूरा प्रशासनिक तंत्र परेशान हो गया।

गन्ना काटने वाले और परिवहन संचालकों को पिछले 15 दिनों में का नुकसान हुआ है। किसान गन्ने कटाई का इंतजार कर रहे हैं। कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों में गन्ना सीजन की शुरुआत हो चुकी है। जिसके कारण महाराष्ट्र से गन्ना काटने वाले इन राज्यों में पलायन करने लगे हैं, जिससे राज्य में श्रमिकों की कमी का संकट खड़ा हो सकता है ।

महाराष्ट्र में गन्ना सीजन 2024-25 के गन्ना पेराई लाइसेंस के लिए अब तक 203 चीनी मिलों ने आवेदन दाखिल किए है। जिसमे 101 सहकारी और 102 निजी मिलों ने लाइसेंस के लिए आवेदन दाखिल किया है। गन्ना आयुक्तालय के अधिकारियों को उम्मीद है कि अभी राज्य में चार से पांच और चीनी मिलें पेराई लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकती हैं।

महाराष्ट्र चीनी आयुक्तालय के मुताबिक सीजन 2023-24 में कुल मिलाकर 207 चीनी मिलों ने पेराई में भाग लिया था। जिसमें 103 सहकारी एवं 104 निजी चीनी मिलें शामिल थी।

चीनी सीजन 2023-24 में 1076 लाख टन गन्ने की पेराई की गई थी। पिछले सीजन में मिलों ने गन्ना किसानों को 36,600 करोड़ रुपये से अधिक का एफआरपी का भुगतान किया है। महाराष्ट्र में गन्ना पेराई सत्र 2023-24 में 110.17 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि 2022-23 में 105.34 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। राज्य में उत्पादन के हिसाब से कोल्हापुर विभाग में सबसे ज्यादा चीनी का उत्पादन हुआ जबकि सबसे कम चीनी का उत्पादन नागपुर इलाके में हुआ।

सरकारी परिपत्र में महाराष्ट्र की चीनी मिलों को 15 नवंबर से पहले सीजन का संचालन शुरू नहीं करने को कहा गया है। उल्लंघन की स्थिति में निदेशक या अन्य शीर्ष प्रबंधन अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। प्रत्येक वर्ष राज्य सरकार चीनी मिलों द्वारा पेराई शुरू करने की तिथि तय करती है। यह पानी की उपलब्धता, गन्ने की फसल के पकने के अलावा अन्य मानदंडों पर निर्भर करता है।

First Published - November 12, 2024 | 8:01 PM IST

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