लोकतंत्र के उत्सव में, जहां हर तरफ सत्ता का नशा दिखाई देता है, भारत का राजनीतिक परिदृश्य चरम पर है। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, चुनावी सरगर्मियों की अशांत लहरों को पार करने के लिए हेलीकॉप्टर राजनेताओं के लिए रथ बन गए हैं। वे भीड़भाड़ वाली सड़कों की तुलना में रोटर ब्लेड की आवाज को प्राथमिकता दे रहे हैं।
हेलीकॉप्टर का 1 मिनट का किराया 3000 रुपये
लेकिन इसमें पैसा भी खूब खर्च हो रहा है। हेलीकॉप्टर किराए में पिछले छह महीनों में 15-20% की वृद्धि हुई है। सूत्रों के मुताबिक, मांग बढ़ गई है क्योंकि सभी उपलब्ध हेलीकॉप्टर पहले ही बुक हो चुके हैं। बड़े दल जैसे भाजपा और कांग्रेस हेलीकॉप्टर का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। सिंगल-इंजन हेलीकॉप्टर का किराया लगभग 18 डॉलर (लगभग 1,500 रुपये) प्रति मिनट है, जबकि दो इंजन वाले हेलीकॉप्टर का किराया लगभग 35 डॉलर (लगभग 3,000 रुपये) प्रति मिनट है। ज्यादातर बुकिंग दिल्ली से हो रही हैं।
भारत में प्रमुख चार्टर फ्लाइट ऑपरेटर JetSetGo की संस्थापक और सीईओ कनिका टेकरीवाल का कहना है कि निजी जेट की मांग लगभग एक साल से जस की तस बनी हुई है। नतीजतन, इनकी कीमतों में ज्यादा बदलाव नहीं आया है। वह बताती हैं कि भारत में कमर्शियल एयरलाइन सेवाएं अभी भी मजबूत हैं, खासकर चुनावी मौसम के दौरान जब राजनेता अक्सर लोगों से जुड़ने के लिए कमर्शियल उड़ानों का उपयोग करना चुनते हैं।
टेकरीवाल ने यह भी कहा कि छह से 12 महीने पहले की तुलना में हेलीकॉप्टर रेट में 15% की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि इसलिए है क्योंकि भारत में हाई मांग के साथ-साथ ट्विन इंजन वाले हेलीकॉप्टरों की कमी है। नतीजतन, इस चुनावी मौसम में हेलीकॉप्टरों की मांग काफी अधिक है, जिससे उनके रेट पर प्रीमियम बढ़ गया है।
भारत में वर्तमान में लगभग 254 चार्टर हेलीकॉप्टर
हेलीकॉप्टर उद्योग के लिए काम करने वाली रोटरी विंग सोसाइटी ऑफ इंडिया (RWSI) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में वर्तमान में लगभग 254 चार्टर हेलीकॉप्टर हैं। वहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 15,000 हैं। भारत में इन 254 हेलीकॉप्टरों में से 190 हेलीकॉप्टर सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यों, डिफेंस ऑपरेशन, कॉर्पोरेट वेंचर्स और ऑफशोर मिशनों के लिए आवंटित किए गए हैं। इससे भारतीय चुनावी मौसम के लिए लगभग 60-70 हेलीकॉप्टर ही उपलब्ध रह गए हैं।
RWSI के प्रेसिडेंट ए एस बुटोला का कहना है कि कई महीने पहले से उपलब्ध हेलीकॉप्टरों की कमी हो जाती है। उन्होंने बताया कि अधिकांश हेलीकॉप्टर लगभग छह महीने पहले बुक किए गए थे। इस मुद्दे को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अगस्त 2023 में उठाया था, जब उन्होंने चिंता व्यक्त की थी कि भाजपा ने इस साल के लोकसभा चुनावों के लिए पहले से ही सभी उपलब्ध हेलीकॉप्टर रिजर्व कर लिए हैं।
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने संसद चुनावों के लिए सभी उपलब्ध हेलीकॉप्टरों को पहले से ही रिजर्व कर लिया था, जिससे अन्य दलों को किराए पर लेने का कोई मौका नहीं मिला। उन्होंने इसे शक्ति और धन का प्रदर्शन बताते हुए इसकी आलोचना करते हुए कहा था, “वे सोचते हैं कि पैसे से कुछ भी खरीदा जा सकता है।”
ट्विन इंजन वाले हेलीकॉप्टरों की मांग सबसे ज्यादा
सूत्रों के मुताबिक, उपलब्ध हेलीकॉप्टरों की कमी के कारण कुछ राजनीतिक दल अपने प्रचार के लिए एक भी हेलीकॉप्टरों किराए पर नहीं ले पा रहे हैं। चार्टर फ्लाइट्स एविएशन में भारत के मिशन नियंत्रक बिनीश पॉल बताते हैं कि ट्विन इंजन वाले हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल आमतौर पर वीआईपी यात्राओं के लिए किया जाता है।
चुनावी मौसम के दौरान, इन हेलीकॉप्टरों की अत्यधिक मांग होती है और ये सामान्य से काफी अधिक घंटों तक उड़ान भरते हैं, जिससे विमानन सेवाओं के राजस्व में वृद्धि होती है।
चेन्नई में, प्राइवेट जेट की किराये के रेट 3.4 लाख रुपये से 6.4 लाख रुपये प्रति घंटे तक हैं। सिंगल इंजन वाले हेलीकॉप्टरों के लिए शुरुआती रेट 1.2 लाख रुपये प्रति घंटा है, जबकि ट्विन इंजन वाले हेलीकॉप्टरों के लिए यह 2.86 लाख रुपये प्रति घंटा है।
भारत के हेलीकॉप्टर उद्योग में प्रमुख प्लेयर्स में पवन हंस, ग्लोबल वेक्टरा, हेलिगो चार्टर्स और हेरिटेज एविएशन शामिल हैं। देश के सबसे बड़े हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों में से एक, ब्लेड इंडिया के सह-संस्थापक और मैनेजिंग डायरेक्टर अमित दत्ता के अनुसार, लोकसभा चुनाव एक बड़ा मौका है जो हर पांच साल में एक बार आता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि हेलीकॉप्टरों की भारी कमी है, जेट और हेलीकॉप्टर दोनों पूरी तरह से बुक हैं।
दत्ता इस बात पर जोर देते हैं कि यह स्थिति चार्टर बिजनेस में ज्यादातर ऑपरेटरों के लिए एक सुनहरा अवसर है। वह बताते हैं कि कमी इस तथ्य से और बढ़ गई है कि भारत में 80% हेलीकॉप्टरों का उपयोग तेल और गैस क्षेत्र द्वारा किया जाता है।