प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मतपत्रों से चुनाव कराने की मांग को उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज कर दिए जाने का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि यह कांग्रेस नीत गठबंधन ‘इंडी’ के लिए करारा तमाचा है।
मोदी ने बिहार के अररिया में चुनावी सभा में कहा, ‘राजद-कांग्रेस और ‘इंडी’ गठबंधन को न देश के संविधान और न ही लोकतंत्र की परवाह है। ये वे लोग हैं, जिन्होंने 10 साल तक मतपत्रों के बहाने गरीबों का अधिकार छीना। बिहार के लोग साक्षी हैं कैसे राजद-कांग्रेस के शासन के दौरान चुनाव में बूथ और मतपत्र लूट लिए जाते थे। इतना ही नहीं, गरीबों को वोट डालने के लिए घर से बाहर भी निकलने नहीं दिया जाता था। देश के गरीबों और ईमानदार मतदाताओं को जब ईवीएम की ताकत मिली तो यह उन लोगों को बर्दाश्त नहीं हो रहा था, जो चुनाव के दिन वोट लूटने का खेल खेलते थे।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘उसके हर नेता ने ईवीएम को लेकर जनता के मन में संदेह पैदा करने का पाप किया है। लेकिन, आज उच्चतम न्यायालय ने मत पेटियों को लूटने वालों और इसका इरादा रखने वालों को बड़ा झटका दिया है। उनके सारे सपने चूर-चूर हो गए हैं। आज उच्चतम न्यायालय ने साफ-साफ कह दिया है यह मतपत्र वाला पुराना दौर वापस नहीं आएगा।’
दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल के मालदा में चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने तृणमूल कांग्रेस की सरकार पर करारा हमला बोला। मोदी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पश्चिम बंगाल में लगभग 26,000 नौकरियां रद्द होने के मामले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि राज्य के युवाओं को पार्टी की ‘कट और कमीशन’ की संस्कृति के कारण नुकसान उठाना पड़ा है।