लोकसभा के चुनावी संग्रम में अब राजनीतिक दल खुलकर खेलना शुरु कर दिए हैं। महाराष्ट्र से बड़ी परियोजनाओं को राज्य से बाहर भेजने का सरकार पर आरोप लगाने वाले विपक्षी दल चुनावी मैदान में खुद ही दावा कर रहे हैं कि वह बारसू और जैतापुर जैसी परियोजनाओं को मंजूरी नहीं देगें। विपक्ष का दावा है कि इससे पर्यावरण को नुकसान होगा और स्थानीय लोगों को इससे रोजगार छिन जाएगा। जबकि भाजपा इसे गुमराह करने वाली राजनीति करार दे रही है।
शिवसेना (UBT) ने अपने घोषणापत्र (वचन नामा) दावा किया है कि पार्टी रत्नागिरी जिले की दो आगामी मेगा परियोजनाओं मडबन गांव में जेएनपीपी और बारसू गांव में आरआरपीएल का मजबूती से विरोध करेगी।
पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनके गठबंधन की सरकार बनी तो बारसू और जैतापुर प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं दी जाएगी। ये दोनों प्रोजेक्ट महाराष्ट्र के कोंकण इलाके में बनाए जाने हैं। बारसू प्रोजेक्ट (रिफाइनरी कॉम्पेक्स) और जैतापुर (परमाणु संयंत्र) पर्यावरण के लिए नुकसानदायक हैं।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा, महाराष्ट्र से नफरत करती है और संविधान बदलना चाहती है, जिसे इस धरती के बेटे बाबा साहेब आंबेडकर ने ड्राफ्ट किया था। मुगल बादशाह औरंगजेब का गुजरात से नाता बताते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर और छत्रपति शिवाजी का जन्म महाराष्ट्र में हुआ, जबकि औरंगजेब, गुजरात में पैदा हुआ था।
रत्नागिरी के बारसू गांव में प्रस्तावित रत्नागिरि रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स प्रोजेक्ट (आरआरपीएल) का भी शिवसेना (यूबीटी) विरोध करने का ऐलान कर चुकी है। पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत कहते हैं कि बारसू के मामले में केवल सऊदी अरब की कंपनी अरामको जो एक इस्लामिक कंपनी है । कथित हिंदुत्ववादी सरकार इस्लामिक रिफाइनरी के लिए रत्नागिरी के मराठी मानुष, भूमिपुत्रों को परेशान किया जा रहा है उन पर हमला किया जा रहा है।
ठाकरे ने कहा कि पार्टी रत्नागिरी जिले की दो आगामी मेगा परियोजनाओं मडबन गांव में जेएनपीपी और बारसु गांव में आरआरपीएल का मजबूती से विरोध करेगी। ठाकरे ने कहा कि अतीत में इन परियोजनाओं और पालघर में वधावन बंदरगाह के विरोध में कई आंदोलन हुए हैं, क्योंकि वे राज्य की पारिस्थितिकी को नष्ट कर सकते हैं। यदि स्थानीय लोग ऐसी परियोजनाएं नहीं चाहते हैं जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकती हैं, तो हमें उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी गठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि इस बात को लेकर बड़ी जंग चल रही है कि इंडी गठबंधन का नेता कौन होगा। यह अपने पांच साल के कार्यकाल में एक साल, एक पीएम फॉर्मूले के साथ काम करेगा। ये लोग सत्ता हथियाने के लिए देश को बांट रहे हैं। अब एक नया फॉर्मूला लाया गया है, जो पांच साल में पांच प्रधानमंत्रियों का है। हर साल एक प्रधानमंत्री।
उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने का हमारा विचार और तरीका समाज में विभाजन पैदा नहीं करता है। इंडी गठबंधन के नेता रोज मोदी को गाली देते हैं क्योंकि उनके पास देश के विकास के बारे में बोलने के लिए कुछ नहीं है।
उद्धव ठाकरे के दावों पर रत्नागिरी जिले के संरक्षक मंत्री उदय सामंत ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए परियोजना के बारे में जानबूझकर गलतफहमी पैदा की जा रही है। 12 जनवरी, 2022 को तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था जिसमें सुझाव दिया गया था कि राज्य सरकार रिफाइनरी के लिए नाट्य (क्षेत्र) में 1,300 एकड़ भूमि और 2,144 एकड़ का एक अन्य भूखंड उपलब्ध करा सकती है।
उन्होंने परियोजना के लिए बारसू क्षेत्र का सुझाव दिया था। उद्धव ठाकरे के पत्र में यह उल्लेख भी किया गया है कि इस भूमि के 90 फीसदी हिस्से पर कोई मानव बस्ती या पेड़ नहीं हैं। पत्र में दावा किया गया है कि रिफाइनरी परियोजना से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा। इस परियोजना से राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और महाराष्ट्र की जीडीपी में 8.5 फीसदी की वृद्धि होगी। इससे पेट्रोकेमिकल उत्पादों पर आयात शुल्क भी कम होगा और इसलिए परियोजना को बारसू में स्थापित किया जाना चाहिए।
भाजपा कह रही है कि सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए इन परियोजनाओं का विरोध किया जा रहा है। ऐसी ही एक रिफाइनरी जामनगर में है, जहां से निर्यात होता है। रिफाइनरी से कोई हानि नहीं होती है। यह एक ग्रीन रिफाइनरी है। इसलिए पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा। लेकिन, झूठ बोलकर विपक्ष महाराष्ट्र का और नुकसान करने में तुली है।
जैतापुर परमाणु ऊर्जा प्लांट, महाराष्ट्र के रत्नागिरी ज़िले में मुंबई से 400 किलोमीटर दक्षिण में बनने की योजना है। यह एक छह-रिएक्टर परमाणु ऊर्जा संयंत्र है। इस परियोजना को भारत और फ़्रांस के बीच नागरिक परमाणु सहयोग समझौते के तहत बनाया जा रहा है।
इस परियोजना के तहत, फ़्रांस की कंपनी अरेवा छह परमाणु प्लांट लगा रही है। इनकी कुल परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता 10,000 मेगावाट है। अगर यह परियोजना बनती है, तो यह दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा उत्पादन स्टेशन होगा। जैतापुर परमाणु ऊर्जा परियोजना की अनुमानित निर्माण लागत 1.12 ट्रिलियन रुपये (16.35 अरब अमेरिकी डॉलर) है ।