facebookmetapixel
Airtel से लेकर HDFC Bank तक मोतीलाल ओसवाल ने चुने ये 10 तगड़े स्टॉक्स, 24% तक मिल सकता है रिटर्नबाबा रामदेव की FMCG कंपनी दे रही है 2 फ्री शेयर! रिकॉर्ड डेट और पूरी डिटेल यहां देखेंभारत-अमेरिका फिर से व्यापार वार्ता शुरू करने को तैयार, मोदी और ट्रंप की बातचीत जल्दGold-Silver Price Today: रिकॉर्ड हाई के बाद सोने के दाम में गिरावट, चांदी चमकी; जानें आज के ताजा भावApple ‘Awe dropping’ Event: iPhone 17, iPhone Air और Pro Max के साथ नए Watch और AirPods हुए लॉन्चBSE 500 IT कंपनी दे रही है अब तक का सबसे बड़ा डिविडेंड- जान लें रिकॉर्ड डेटVice President Election Result: 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए सीपी राधाकृष्णन, बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिलेनेपाल में सोशल मीडिया बैन से भड़का युवा आंदोलन, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफापंजाब-हिमाचल बाढ़ त्रासदी: पीएम मोदी ने किया 3,100 करोड़ रुपये की मदद का ऐलाननेपाल में हिंसक प्रदर्शनों के बीच भारत ने नागरिकों को यात्रा से रोका, काठमांडू की दर्जनों उड़ानें रद्द

Lok Sabha Elections: उत्तर पूर्वी दिल्ली में पार होगी कन्हैया की नैया?

वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक दिल्ली की आबादी में मुसलमानों की तादाद 13 प्रतिशत है और उत्तर पूर्वी दिल्ली में इनकी आबादी 29.34 प्रतिशत है।

Last Updated- May 23, 2024 | 11:26 PM IST
Kanhaiya Kumar

Lok Sabha Elections: कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) के पास वास्तव में काफी कम वक्त है। चुनावी मंच पर वह चंद मिनट में अपना आभार जताते हुए दिलशाद गार्डन और उत्तर पूर्वी दिल्ली के निवासियों के लिए अपने अभियान का ब्योरा पेश करते हैं। इसके अलावा अपने प्रतिस्पर्द्धी पर हमला बोलने के साथ ही अपना भाषण समाप्त करते हैं और फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आमंत्रित करते हैं।

बेगूसराय से उनके साथ आए एक कांग्रेस कार्यकर्ता कहते हैं कि पार्टी ने लोक सभा उम्मीदवार के तौर पर जब कन्हैया कुमार के नाम की घोषणा की उसके बाद से यानी कुछ हफ्ते पहले से ही वह पूरे निर्वाचन क्षेत्र में घूम रहे हैं। पिछले लोक सभा चुनाव में कन्हैया बेगूसराय की सीट पर चुनाव लड़े और हार गए थे।

विपक्षी गठबंधन इंडिया गुट के उत्तर पूर्वी दिल्ली के 2024 के लोक सभा उम्मीदवार कन्हैया कहते हैं, ‘मुझे पता है कि काफी गर्मी है और इसके लिए आपका धन्यवाद करता हूं। मैं बस एक आग्रह आप सबसे करना चाहता हूं। इस 25 तारीख को एक दिन की गर्मी बर्दाश्त करनी है, ताकि महंगाई, बेकारी, इस क्षेत्र की रुकी प्रगति बर्दाश्त न करनी पड़े।’

दिल्ली में छठे चरण के तहत 25 मई को वोटिंग

दिल्ली में छठे चरण में 25 मई को चुनाव होने हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र के लोग कन्हैया को एक मजबूत उम्मीदवार के रूप में देखते हैं लेकिन उनके प्रतिद्वंद्वी मनोज तिवारी को भी मात देना आसान नहीं है।

भोजपुरी के लोकप्रिय अभिनेता और गायक ने 2019 के चुनाव में कांग्रेस की शीला दीक्षित को तीन लाख से अधिक वोटों से हराया था। भाजपा ने राष्ट्रीय राजधानी में अपना दबदबा कायम करते हुए वर्ष 2014 और 2019 के लोक सभा चुनावों में सातों सीटें जीत लीं। उत्तर पूर्वी दिल्ली से दो बार सांसद रहे तिवारी एकमात्र ऐसे सांसद हैं जिन्हें भाजपा ने फिर से टिकट दिया है।

उत्तर पूर्वी दिल्ली में बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों की आबादी अधिक

उत्तर पूर्वी दिल्ली में बिहार और उत्तर प्रदेश (पूर्वांचली के नाम से मशहूर) के लोगों की आबादी अधिक है। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक दिल्ली की आबादी में मुसलमानों की तादाद 13 प्रतिशत है और उत्तर पूर्वी दिल्ली में इनकी आबादी 29.34 प्रतिशत है।

उत्तर पूर्वी दिल्ली के निर्वाचन क्षेत्र में बुराड़ी, तिमारपुर, सीमापुरी (अनुसूचित जाति), रोहतास नगर, सीलमपुर, घोंडा, बाबरपुर, गोकलपुर (अनुसूचित जाति), मुस्तफाबाद और करावल नगर जैसे 10 क्षेत्र शामिल हैं। इन 10 में से केवल तीन क्षेत्र के भाजपा विधायक (रोहतास नजर, घोंडा, करावल नजर) हैं जबकि बाकी क्षेत्रों के विधायक आम आदमी पार्टी से जुड़े हैं।

इस लोक सभा क्षेत्र की वैसे तो कई समस्याएं हैं लेकिन यहां के लोगों के लिए साफ-सफाई की समस्या सबसे बड़ी है। शाहदरा की एक गृहिणी शीतल झा कहती हैं, ‘गरीबी, बेरोजगारी दूर की बात है, हम लोग तो ये गटर और गंदगी से परेशान हैं।’

यहां के लोग इन मुद्दों के अलावा हिंदू-मुस्लिम समुदाय के बीच दुश्मनी का जिक्र करते हैं। कन्हैया ने भी अपने चुनावी अभियान के भाषण में इसके बारे में कहा है। चार साल पहले उत्तर पूर्वी दिल्ली में सबसे ज्यादा सांप्रदायिक दंगे हुए। यहां चार दिनों तक हिंसा चलती रही और कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई जबकि सैकड़ों घायल हो गए।

वर्ष 2020 के दंगे में सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र शिव विहार की तंग गलियों से गुजरते हुए 54 वर्षीय मुकेश उस हादसे को याद करते हुए कहते हैं, ‘हादसे के बाद हालात बेहतर हो रहे थे तभी प्रधानमंत्री ने दूसरी कौम के लोगों पर टिप्पणी करनी शुरू कर दी।’

दंगे में अपने एक दोस्त को गंवाने के बारे में बताते हुए वह कहते हैं कि वे इस तरह की बांटने वाली राजनीति से थक चुके हैं और वे बदलाव के लिए वोट देंगे।

कन्हैया के एक करीबी सहयोगी कहते हैं कि बेगूसराय चुनाव हारने के बाद कन्हैया को बदलना पड़ा है। जवाहरलाल नेहरू छात्र संघ (JNSU) के पूर्व अध्यक्ष रहे कन्हैया, भाकपा के टिकट पर 2019 के चुनाव में बिहार के बेगूसराय सीट पर चुनाव लड़े थे लेकिन भाजपा के गिरिराज सिंह ने उन्हें 4.2 लाख वोट से हराया। वह अक्टूबर 2020 में कांग्रेस से जुड़े। उनके दोस्त कहते हैं, ‘यह वैचारिक अंतर हो सकता है।’

कन्हैया की उम्मीदवारी पर उनकी अपनी पार्टी के पूर्व नेताओं ने ही एतराज जताया है। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने इस मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया था कि अनजान लोगों को टिकट दिए जा रहे हैं। लवली भाजपा से जुड़ गए जबकि बाकी जिन लोगों ने आलोचना करते हुए इस्तीफा दिया था वे आप से जुड़ गए हैं। हालांकि कांग्रेस के सदस्य आप के साथ किसी भी तरह के संघर्ष की बात से इनकार करते हैं।

कन्हैया कुमार ने अपने चुनावी अभियान के लिए क्राउडफंडिंग अभियान भी छेड़ा है। उन्हें इससे अब तक 70 लाख रुपये मिल चुके हैं।

First Published - May 23, 2024 | 10:27 PM IST

संबंधित पोस्ट