वर्ल्ड ट्रैवल ऐंड टूरिज्म काउंसिल (डब्ल्यूटीटीसी) की मुख्य कार्यकारी जूलिया सिंपसन को लगता है कि भारत के पर्यटन क्षेत्र को आने वाले समय में महत्त्वपूर्ण बढ़त हासिल हो सकती है। उनके मुताबिक भूराजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच वैश्विक यात्राओं में जो बदलाव आ रहा है वह भी भारत को लाभ पहुंचा सकता है। इस बदलाव के कारण पहली बार अमेरिका में पर्यटकों की तादाद कम हो रही है।
सिंपसन ने कहा, ‘अमेरिका दुनिया की इकलौती अर्थव्यवस्था है, जहां हम अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या में कमी आती देख रहे हैं।’ वह अमेरिकी वाणिज्य विभाग के आंकड़ों का हवाला दे रही थीं, जिनके मुताबिक 2023 में वहां जाने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या में 2019 के मुकाबले 7 फीसदी गिरावट आई।
सिंपसन ने कहा, ‘मुझे लगता है उनमें से कुछ पर्यटक दूरदराज के क्षेत्रों पर नजर डाल रहे हैं। अगर आप दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं तो आप भी अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों, कारोबारी नेताओं और मौज मस्ती के लिए आने वाले लोगों के लिए महत्त्वपूर्ण ठिकाना बन जाते हैं।’ वह संकेत कर रही थीं कि भारत को इसका अच्छा खासा फायदा मिल सकता है। इसकी एक वजह यह भी है कि विदेशों में रहने वाले भारतीय प्रवासी भी बड़ी तादाद में अपने परिवारों और मित्रों से मिलने भारत आते हैं।
उन्होंने बताया कि डब्ल्यूटीटीसी की इकनॉमिक इंपैक्ट रिसर्च (ईआईआर) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पर्यटक देश के पर्यटन क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान देने को तैयार हैं और अनुमान है कि 2025 में वे भारत में 3.2 लाख करोड़ रुपये खर्च कर सकते हैं। यह राशि 2024 के 3.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। यह स्थिति तब है जबकि वार्षिक वृद्धि के आंकड़े प्राय: स्थिर हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दुनिया भर के समृद्ध लोगों की ज्यादा तादाद भारत आएगी।
सिंपसन ने कहा, ‘मैं चिंतित नहीं हूं क्योंकि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के खर्च के आंकड़े इस वर्ष पहले ही 2019 के स्तर से ऊपर नजर आ रहे हैं। इसका अर्थ यह है कि यहां आने वाले लागे अधिक खर्च करने वाले लोग हैं। यह अच्छी बात है।’ पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2024 में भारत में 96.6 लाख विदेशी पर्यटक आए। यह आंकड़ा 2023 के 95.2 लाख पर्यटकों से अधिक था।
देश में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या 162 से बढ़कर 200 से अधिक हो चुकी है और बेहतर रेल तथा सड़क संपर्क के साथ अगले 10 वर्षों के लिए देश के पर्यटन क्षेत्र के अनुमानों को काफी सकारात्मक माना जा रहा है। 2035 तक अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों द्वारा किया जाने वाला व्यय 4.6 लाख करोड़ रुपये और घरेलू पर्यटकों का व्यय 32.7 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का उम्मीद है।
डब्लयूटीटीसी के आंकड़ों के मुताबिक 2024 में यात्रा और पर्यटन ने देश की अर्थव्यवस्था में 6.4 फीसदी का योगदान किया, जिसके 2025 में बढ़कर 6.6 फीसदी पहुंच जाने का अनुमान है। ऐसे में इस खर्च में इजाफे से यात्रा और पर्यटन क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था के करीब 10 फीसदी हिस्से का प्रतिनिधित्व करेगा।
गत वर्ष देश की अर्थव्यवस्था में यात्रा और पर्यटन क्षेत्र ने 21 लाख करोड़ रुपये का योगदान किया था जो 2019 के आंकड़ों से 20 फीसदी अधिक था। सिंपसन ने कहा कि वैश्विक पर्यटकों के बीच खुद को बेहतर तरीके से पेश करने के लिए भारत सराकर को मार्केटिंग पर खर्च बढ़ाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से युवा यात्रियों को आकर्षित किया जाए और भारत को समृद्ध यात्रियों को यहां आकर्षित करने के लिए सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से अपनी बेहतर मार्केटिंग करने की जरूरत है। सरकार ने 2025-26 के बजट में विदेशी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आवंटन 100 करोड़ रुपये से घटाकर 33 करोड़ रुपये कर दिया था।
सिंपसन ने यह भी कहा कि भारत के आतिथ्य उद्योग में विदेशी निवेश की आवक भी यह बताती है कि देश में माहौल बेहतर है और बाजार फल फूल रहा है।