शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन आज भी गिरावट जारी रही। केंद्रीय बैंक द्वारा मुद्रास्फीति पर काबू पाने के प्रयासों से मंदी की आशंका बढ़ गई है जिसका दबाव इक्विटी बाजार पर पड़ रहा है। सेंसेक्स 461 अंक या 0.7 फीसदी गिरकर सप्ताह के आखिर में 61,338 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी भी 146 अंक के नुकसान के साथ 18,269 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांक लगातार दूसरे हफ्ते नीचे आए।
मुद्रास्फीति को नियंत्रण में लाने के बारे में केंद्रीय बैंकों के बयान ने निवेशकों को निराश किया है क्योंकि वे उम्मीद कर रहे थे कि दरें अब उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। फेडरल रिजर्व के बाद, यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने भी नीतिगत दर में 50 आधार अंक का इजाफा कर दिया और लंबे समय तक दरें उच्च स्तर पर बनी रहने की भी बात कही है। बैंक ऑफ इंगलैंड ने भी लगातार नौवीं बार दर में इजाफा कर 3.5 फीसदी कर दिया है।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘केंद्रीय बैंकों द्वारा दरों को लेकर सख्त रुख दिखाए जाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था की सेहत को लेकर चिंता बढ़ गई है। नुकसान की भरपाई के प्रयास के बावजूद वैश्विक समर्थन नहीं मिलने से सूचकांक गिरावट पर बंद हुए।’ विश्लेषकों ने कहा कि निवेशक इस बात से परेशान हैं कि इसे लेकर कोई स्पष्ट समयसीमा नहीं दी गई है कि दरों में बढ़ोतरी कब तक थमेगी और मंदी कितनी व्यापक होगी।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 1,975 करोड़ रुपये की बिकवाली की। दूसरी ओर घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 1,542 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। इस हफ्ते फेड ने स्पष्ट कर दिया कि ब्याज दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रहेंगी। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जिरोम पॉवेल ने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक आसन्न मंदी के बावजूद महंगाई को काबू में करने की अपनी कोशिश बंद नहीं करेगा। नीतिगत दर में चार बार 75 आधार अंक की बढ़ोतरी के बाद फेड ने इस दफे 50 आधार अंक का इजाफा कर ब्याज दर को 4.25 से 4.50 फीसदी के दायरे में ला दिया है। फेडरल रिजर्व के प्रमुख ने कहा कि कीमतों में स्थिरता लाने के लिए कुछ समय तक सख्त नीतिगत रुख बनाए रखने की जरूरत होगी।
पिछले महीने पॉवेल के एक बयान से दर में बढ़ोतरी थमने के संकेत मिले थे, जिसके बाद शेयर बाजार में खासी तेजी आई थी। विश्लेषकों का कहना है कि मुद्रास्फीति पर निवेशकों और केंद्रीय बैंक की राय अलग-अलग है और इस पर बह से बाजार में उतार-चढ़ाव और बढ़ेगा।
यह भी पढ़े: Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार पांचवें हफ्ते इजाफा, 564.06 अरब डॉलर पर पहुंचा
रेलिगेयर ब्रोकिंग में उपाध्यक्ष- तकनीकी शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘कमजोर वैश्विक संकेतों ने निवेशकों की धारणा प्रभावित की है और बाजार में आगे गिरावट बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। निफ्टी 18,300 के महत्त्वपूर्ण समर्थन के नीचे आ गया है और अब इसे 18,000 के आसपास समर्थन मिल सकता है। कोई अहम घटनाक्रम के अभाव में वैश्विक संकेतों से बाजार का रुख तय होगा। इस बीच ट्रेडर अपनी पोजिशन को बाजार के रुख के अनुरूप बना रहे हैं और आक्रामक दांव लगाने से परहेज कर रहे हैं।’
बाजार में 2,120 शेयर नुकसान में बंद हुए और 1,414 लाभ में रहे। सेंसेक्स में चार शेयरों को छोड़कर सभी गिरावट पर बंद हुए। टीसीएस में 2 फीसदी और इन्फोसिस में 1.1 फीसदी की गिरावट आई। रियल्टी शेयरों पर सबसे ज्यादा मार पड़ी और बीएसई रियल्टी सूचकांक 1.6 फीसदी गिरावट पर बंद हुआ।