facebookmetapixel
Infosys buyback: नंदन नीलेकणी-सुधा मूर्ति ने ठुकराया इन्फोसिस का ₹18,000 करोड़ बायबैक ऑफरGold-Silver Price Today: भाई दूज पर सोने-चांदी की कीमतों में उछाल, खरीदने से पहले जान लें आज के दामट्रंप बोले – मोदी मान गए! रूस से तेल खरीद पर लगेगा ब्रेकछोटे कारोबारों को मिलेगी बड़ी राहत! जल्द आने वाला है सरकार का नया MSME सुधार प्लानशराबबंदी: समाज सुधार अभियान या राजस्व का नुकसानOpenAI ने Atlas Browser लॉन्च किया, Google Chrome को दी सीधी चुनौतीDelhi pollution: लगातार दूसरे दिन जहरीली हवा में घुटी दिल्ली, AQI 353 ‘बहुत खराब’ श्रेणी मेंDiwali accidents: पटाखों से देशभर में जानलेवा हादसे बढ़ेAI में इस साल निवेश होगा 20 अरब डॉलर के पार!Stock Market Update: सेंसेक्स 700 अंक उछला, निफ्टी 26,000 के पार; IT शेयरों में जोरदार तेजी

कम होगा टैक्स, आम लोगों के लिए चीजें होंगी सस्ती? वित्तमंत्री लेंगी GST की अहम बैठक

नई कर संरचना में ‘मेरिट’ और ‘स्टैंडर्ड’ श्रेणियों के तहत वस्तुओं को वर्गीकृत किया जाएगा, जिससे MSMEs, कृषि क्षेत्र पर कर भार कम होगा।

Last Updated- August 18, 2025 | 4:42 PM IST
Finance Minister Nirmala Sitharaman

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर (GST) दरों के व्यापक सुधारों को लेकर राज्यों के मंत्रियों के समूह (GoM) की एक महत्वपूर्ण बैठक को संबोधित करेंगी। इस बैठक में केंद्र सरकार की उस नई दो-स्तरीय जीएसटी संरचना पर चर्चा होगी, जिससे कर दरों में कटौती और आम उपभोग की वस्तुओं की कीमतों में कमी आने की संभावना है।

सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने एक नई दो-स्लैब प्रणाली का प्रस्ताव रखा है जिसमें 5% और 18% की दरें होंगी, जबकि कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40% का विशेष उच्च दर प्रस्तावित है। यह प्रस्ताव 20 और 21 अगस्त को राजधानी में आयोजित होने वाली दो दिवसीय बैठक में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।

केंद्र के इस प्रस्ताव में मौजूदा 12% और 28% टैक्स स्लैब को समाप्त करने की बात कही गई है। इसमें लगभग 99% वस्तुओं को 12% से 5% में और 90% वस्तुओं व सेवाओं को 28% से 18% टैक्स स्लैब में लाने का सुझाव है।

GoM के संयोजक बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी हैं, जबकि अन्य सदस्यों में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह, पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा और केरल के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल शामिल हैं।

सूत्रों के मुताबिक, “हालांकि केंद्र सरकार इस समूह की सदस्य नहीं है, लेकिन वित्त मंत्री की मौजूदगी और उनके विचारों से GoM को केंद्र के दृष्टिकोण और प्रस्तावित GST सुधारों की गहराई को समझने में मदद मिलेगी।”

नई कर संरचना में ‘मेरिट’ और ‘स्टैंडर्ड’ श्रेणियों के तहत वस्तुओं को वर्गीकृत किया जाएगा, जिससे मध्यम वर्ग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) और कृषि क्षेत्र पर कर भार कम होगा।

40% की अधिकतम दर सिर्फ 5 से 7 वस्तुओं पर लागू होगी, जिनमें पान मसाला, तंबाकू और ऑनलाइन गेमिंग जैसे ‘डिमेरिट गुड्स’ शामिल हैं।

गौरतलब है कि वर्तमान में GST 5%, 12%, 18% और 28% की चार दरों में वसूला जाता है। अगर GoM केंद्र के इस प्रस्ताव को स्वीकार करता है, तो इसे अगले महीने होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में रखा जाएगा, जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री सीतारमण स्वयं करती हैं।

यह प्रस्ताव अगर मंजूर होता है, तो इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है और कर प्रणाली को सरल बनाकर राजस्व में स्थिरता लाई जा सकती है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

First Published - August 18, 2025 | 4:42 PM IST

संबंधित पोस्ट