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India-EU FTA: ईयू से एफटीए वार्ता में खास सफलता नहीं, कृषि और ऑटो पर रुकावटें

भारत और यूरोपीय संघ (EU) के 14वें एफटीए दौर की वार्ता में बाजार पहुंच, निवेश और सतत विकास जैसे प्रमुख मुद्दों पर मतभेद बने रहे, हालांकि कुछ प्रावधानों पर प्रगति हुई

Last Updated- October 23, 2025 | 6:32 AM IST
Trade
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भारत और यूरोपीय यूनियन (ईयू) में प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के 14वें दौर की बैठक में कोई ठोस सफलता नहीं मिली। इसका प्रमुख कारण वस्तु एवं मार्केट की पहुंच, निवेश के साथ व्यापार व सतत विकास से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर मतभेद कायम रहना है।

निवेश अध्याय के अंतर्गत भारत के संशोधित प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रमुख मुद्दों पर ‘पर्याप्त भिन्नता’ बनी रही। हालांकि ब्रसेल्स में 6 अक्टूबर से हुई भारत-यूरोपीय संघ (ईयू) मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता की 14वें दौर की रिपोर्ट के अनुसार विषय वस्तु को समेकित करने में महत्त्वपूर्ण प्रगति हुई। बहरहाल, दोनों पक्षों की ‘रचनात्मक चर्चा’ हुई। इसके परिणामस्वरूप व्यापार और सतत विकास से संबंधित कई प्रावधानों पर प्रगति हुई। फिर भी ‘पर्याप्त मतभेद’ बने रहे। इसमें ऐसी प्रतिबद्धताओं की बाध्यकारी और लागू करने योग्य प्रकृति शामिल है।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘दोनों पक्षों ने बाजार पहुंच पर शुल्क उदारीकरण, रेड लाइन्स और लचीलेपन के लिए अपनी उम्मीदों को व्यक्त किया। दोनों पक्षों ने उदारीकरण के स्तर पर और टैरिफ को खत्म करने के चरण पर संभावनाएं जताई।’ ब्रुसेल्स में वार्ता का 14वां दौर 6 से 10 अक्टूबर तक हुआ जबकि कुछ अधिकारी 13 अक्टूबर से शुरू होने वाले सप्ताह के दौरान मूल नियमों पर चर्चा जारी रखने के लिए रुके रहे। ईयू ने कार, वाइन व स्पिरिट और कृषि पर आक्रामक रुख अपना रखा है जबकि भारत इन क्षेत्रों को संवेदनशील मानता है। अभी भी इन मुद्दों पर बातचीत चल रही है। इसी तरह भारत के लिए सुरक्षा, पैकेजिंग और पर्यावरणीय मानदंडों जैसे कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म से संबंधित गैर-शुल्क उपायों को सुलझाना प्राथमिकताओं में से एक है।

इस रिपोर्ट में चुनिंदा विषयों को उजागर नहीं किया गया। बहरहाल सरकारी अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों को अभी भी एफटीए वार्ता के अंतिम दौर के दौरान कृषि, ऑटोमोबाइल और सीबीएएम से संबंधित मामलों को हल करना है। भारत और यूरोपीय संघ व्यापार समझौते के ‘शीघ्र निष्कर्ष’ की दिशा में काम कर रहे हैं। दोनों पक्षों की नजर साल के अंत तक की समयसीमा पर है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के ब्रसेल्स की यात्रा करने की उम्मीद है ताकि बातचीत को गति दी जा सके। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने पिछले सप्ताह कहा था कि प्रस्तावित समझौता अंतिम चरण में है, जहां सबसे कठिन मुद्दों को उठाया जाएगा। उन्होंने कहा था कि हम बातचीत के अंतिम चरण में हैं।

First Published - October 23, 2025 | 6:32 AM IST

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