Infosys Buyback: आईटी कंपनी इन्फोसिस के प्रमोटर्स और प्रमोटर ग्रुप, जिनमें कंपनी के को-फाउंडर नंदन नीलेकणी और सुधा मूर्ति शामिल हैं, ने कंपनी के 18,000 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक कार्यक्रम में हिस्सा न लेने का फैसला किया है। कंपनी ने यह जानकारी बुधवार को नियामक फाइलिंग के जरिए दी। बायबैक की घोषणा के दिन प्रमोटर्स के पास कंपनी की कुल 13.05 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
फाइलिंग में कहा गया कि प्रमोटर्स ने 14 से 19 सितंबर 2025 के बीच भेजे गए पत्रों के जरिए बायबैक में भाग नहीं लेने की अपनी इच्छा जताई है। कंपनी ने बताया कि बायबैक के बाद प्रमोटर्स की वोटिंग हिस्सेदारी में थोड़ा बदलाव आ सकता है, क्योंकि कुल शेयर पूंजी में बदलाव होगा।
इन्फोसिस के प्रमोटर्स में कंपनी के को-फाउंडर एन. आर. नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति, बेटी अक्षता मूर्ति और बेटा रोहन मूर्ति शामिल हैं। इसी तरह को-फाउंडर नंदन नीलेकणी, उनकी पत्नी रोहिणी निलेकणी, और उनके बच्चे निहार और जन्हवी निलेकणी भी प्रमोटर ग्रुप का हिस्सा हैं। कंपनी के अन्य को-फाउंडर और उनके परिवार के सदस्य भी इस समूह में शामिल हैं।
इन्फोसिस के बोर्ड ने 11 सितंबर 2025 को हुई मीटिंग में कंपनी के अब तक के सबसे बड़े शेयर बायबैक को मंजूरी दी। इस योजना के तहत कंपनी 18,000 करोड़ रुपये में लगभग 10 करोड़ शेयर खरीदेगी। प्रत्येक शेयर का मूल्य ₹1,800 तय किया गया है। यह कंपनी की कुल चुकता इक्विटी पूंजी का करीब 2.41 प्रतिशत हिस्सा होगा।
कंपनी ने कहा है कि यह शेयर वापस खरीदने (बायबैक) का फैसला उसकी आने वाले समय की पैसों की जरूरतों और शेयरधारकों को पैसा लौटाने की नीति के मुताबिक लिया गया है। इस कदम से शेयरधारकों को फायदा होने की उम्मीद है क्योंकि इससे कंपनी का इक्विटी बेस घटेगा और लॉन्ग टर्म में शेयरहोल्डर वैल्यू बढ़ेगी।
कंपनी की कैपिटल एलोकेशन पॉलिसी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 से इन्फोसिस अपने फ्री कैश फ्लो का लगभग 85 प्रतिशत हिस्सा अगले पांच सालों में शेयरधारकों को लौटाएगी। यह रकम डिविडेंड, शेयर बायबैक या स्पेशल डिविडेंड के रूप में दी जाएगी। कंपनी ने यह भी कहा कि वह हर साल अपने नियमित डिविडेंड को बढ़ाने का प्रयास करेगी।
फाइलिंग में कहा गया है कि यह बायबैक कंपनी के लंबे समय के फायदे के लिए है और इससे शेयरधारकों को आर्थिक लाभ मिलेगा।
इन्फोसिस ने इससे पहले भी कई बार शेयर बायबैक किए हैं। कंपनी का पहला बायबैक 2017 में हुआ था, जिसमें लगभग ₹13,000 करोड़ के 11.3 करोड़ शेयर खरीदे गए थे। इसके बाद 2019 में ₹8,260 करोड़, 2021 में ₹9,200 करोड़, और 2022 में ₹9,300 करोड़ के बायबैक किए गए। 2022 का बायबैक ओपन मार्केट रूट से ₹1,850 प्रति शेयर की दर से किया गया था।
गुरुवार को बीएसई (BSE) पर इन्फोसिस का शेयर ₹1,528.20 प्रति शेयर के भाव पर ट्रेड कर रहा था, जो पिछले कारोबारी सत्र से 3.82 प्रतिशत ज्यादा है। कंपनी को उम्मीद है कि इस नए बायबैक कार्यक्रम से निवेशकों का भरोसा और बढ़ेगा और शेयर का प्रदर्शन बेहतर रहेगा।