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कार्बन बॉर्डर शुल्क पर यूरोपीय संघ से होगी बात

EU के मुताबिक CBAM कार्बन केंद्रित वस्तुओं के उत्पादन के दौरान हुए कार्बन उत्सर्जन की उचित लागत का साधन है, जिसे ट्रेड ब्लॉक में लागू किया जा रहा है।

Last Updated- September 13, 2023 | 11:00 PM IST
Talks will be held with European Union on carbon border fee

भारत और यूरोपीय संघ के शीर्ष अधिकारी गुरुवार को प्रस्तावित कार्बन बॉर्डर शुल्क पर वर्चुअल बातचीत करेंगे। इस मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि इसमें ट्रेड ब्लॉक द्वारा कार्बन बॉर्डर शुल्क को लेकर भारत की चिंताओं के समाधान की कवायद की जाएगी, जो दो सप्ताह बाद लागू होने वाला है।

पिछले साल ट्रेड ऐंड टेक्नोलॉजी काउंसिल (टीटीसी) स्थापित करने के बाद भारत और यूरोपीय संघ विश्वसनीय साझेदार बन गए हैं। इसे देखते हुए ट्रेड ब्लॉक अब कार्बन बॉर्डर समायोजन व्यवस्था (सीबीएएम) नाम से शुल्क लागू किए जाने के बाद भारत को होने वाले कुछ व्यवधानों पर विचार करने और उन पर चर्चा करने को तैयार है।

उपरोक्त उल्लिखित व्यक्तियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘ईयू ने इस तथ्य को संज्ञान में लिया है कि चिंताएं हैं। वे भारत के साथ विश्वस्त साझेदार के रूप में बात कर रहे हैं। सीबीएएम को लेकर ईयू ने जो पहली चर्चा शुरू की है, वह भारत के साथ होने जा रही है।’

उन्होंने कहा, ‘डाउनस्ट्रीम इंडस्ट्री पर असर, सीबीडीआर (साझा, लेकिन अलग अलग दायित्व) सिद्धांत का उल्लंघन, एमएसएमई के लिए अलग प्रावधान, एंबेडेड करों की समान मान्यता जैसे शुरुआती मसले हैं। इनके अलावा भी कई मसलों पर चर्चा होगी।’

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ईयू के मुताबिक सीबीएएम कार्बन केंद्रित वस्तुओं के उत्पादन के दौरान हुए कार्बन उत्सर्जन की उचित लागत का साधन है, जिसे ट्रेड ब्लॉक में लागू किया जा रहा है। शुल्क के माध्यम से वह चाहता है कि गैर ईयू देशों में स्वच्छ औद्योगिक उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाए। सीबीएएम का बदलाव का चरण 1 अक्टूबर से शुरू होगा और उसके बाद जनवरी 2026 से कार्बन कर लगाया जाएगा।

भारत सीबीएएम के असर को लेकर चिंतित रहा है, जिसके कारण कार्बन केंद्रित उत्पादों के आयात पर शुल्क लगाया जाएगा। साथ ही भारत का यह भी मानना है कि इस तरह के कदमों से ईयू के कारोबारी साझेदारों के साथ बाजार तक पहुंच का मसला आएगा। भारत का कहना है कि पर्यावरण संबंधी मसले को व्यापार के मसलों में घुसाया जा रहा है।

भारत के खासकर स्टील और एल्युमीनियम उद्योग पर सीबीएएम का विपरीत असर पड़ने की संभावना है, ऐसे में भारत पिछले कुछ महीनों से ब्रशेल्स के साथ अपनी चिंताएं जता रहा है।

First Published - September 13, 2023 | 11:00 PM IST

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