facebookmetapixel
खरीदारी पर श्राद्ध – जीएसटी की छाया, मॉल में सूने पड़े ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोरएयरपोर्ट पर थर्ड-पार्टी समेत सभी सेवाओं के लिए ऑपरेटर होंगे जिम्मेदार, AERA बनाएगा नया नियमकाठमांडू एयरपोर्ट से उड़ानें दोबारा शुरू, नेपाल से लोगों को लाने के प्रयास तेजभारत-अमेरिका ट्रेड डील फिर पटरी पर, मोदी-ट्रंप ने बातचीत जल्द पूरी होने की जताई उम्मीदApple ने उतारा iPhone 17, एयर नाम से लाई सबसे पतला फोन; इतनी है कीमतGST Reforms: इनपुट टैक्स क्रेडिट में रियायत चाहती हैं बीमा कंपनियांमोलीकॉप को 1.5 अरब डॉलर में खरीदेंगी टेगा इंडस्ट्रीज, ग्लोबल मार्केट में बढ़ेगा कदGST 2.0 से पहले स्टॉक खत्म करने में जुटे डीलर, छूट की बारिशEditorial: भारत में अनुबंधित रोजगार में तेजी, नए रोजगार की गुणवत्ता पर संकटडबल-सर्टिफिकेशन के जाल में उलझा स्टील सेक्टर, QCO नियम छोटे कारोबारियों के लिए बना बड़ी चुनौती

खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 5.48% पर, औद्योगिक उत्पादन में भी सुधार

खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट और विनिर्माण गतिविधियों में तेजी से अर्थव्यवस्था को राहत, फरवरी में रीपो दर कटौती की उम्मीद बढ़ी

Last Updated- December 12, 2024 | 10:03 PM IST
SBI research report

खाद्य पदार्थों के दाम घटने और अनुकूल आधार की वजह से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 5.48 फीसदी रह गई। अक्टूबर में यह 6.21 फीसदी पर पहुंच गई थी जो 14 महीने में सबसे अधिक थी। मुद्रास्फीति में नरमी से फरवरी में होने वाली मौद्रिक समीक्षा बैठक में रीपो दर घटाए जाने की उम्मीद बढ़ गई है। दूसरी ओर उद्योगों के उत्पादन में भी सुधार हुआ है। विनिर्माण गतिविधियों में तेजी से औद्योगिक उत्पादन सूचकांक अक्टूबर में 3.5 फीसदी बढ़ा जो सितंबर में 3.1 फीसदी बढ़ा था।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा आज जारी आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर में खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 9 फीसदी रह गई जो अक्टूबर में 15 महीने के उच्चतम स्तर 10.7 फीसदी पर थी। सब्जियों की मुद्रास्फीति घटकर 29 फीसदी रही जो अक्टूबर में 42 फीसदी थी। अनाजों, अंडे, दूध, फलों और दालों के दाम भी नवंबर में घटे हैं।

केयर रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि खरीफ की अच्छी पैदावार और रबी की बोआई में तेजी को देखते हुए कृषि उत्पादन का परिदृश्य सकारात्मक बना हुआ है। उन्होंने कहा, ‘आने वाले महीनों में खाद्य पदार्थों पर मुद्रास्फीति का दबाव और कम होना चाहिए।’

इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने ऊंची मुद्रास्फीति की चिंता को देखते हुए रीपो दर को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा था। दूसरी ओर अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक(आईआईपी) की तेजी में विनिर्माण क्षेत्र का अहम योगदान रहा। विनिर्माण गतिविधियों में 4.1 फीसदीकी तेजी आई और बिजली उत्पादन में 2 फीसदी का इजाफा हुआ। मगर खनन क्षेत्र में नरमी का रुख बना हुआ है।

इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च में वरिष्ठ आर्थिक विश्लेषक पारख जसराई ने कहा कि अक्टूबर में ऊंची मुद्रास्फीति के बावजूद त्योहारी मांग के कारण उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन में इजाफा हुआ है जो उत्साहजनक है और अर्थव्यवस्था में खपत मांग के लिए अच्छा संकेत है।

First Published - December 12, 2024 | 10:03 PM IST

संबंधित पोस्ट