बैंकिंग व्यवस्था में नकदी डालने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को 3 वैरिएबल रेट रीपो (वीआरआर) नीलामी कराई। केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक व्यवस्था में नकदी की कमी गुरुवार को बढ़कर 1.38 लाख करोड़ रुपये हो गई थी। इसी के साथ भारित औसत मनी मार्केट रेट (एमएमआर) बढ़कर मार्जिनल फैसेलिटी रेट (एमएफआर) से अधिक हो गया था।
शुक्रवार को भारित औसत एमएमआर 6.77 प्रतिशत पर बंद हुआ, जो गुरुवार को 6.73 प्रतिशत था। एमएफआर इस समय 6.75 प्रतिशत है। बाजार हिस्सेदारों ने कहा कि व्यवस्था में नकदी की कमी बनी रहने की संभावना है, क्योंकि वित्त वर्ष के लिए केंद्र सरकार की उधारी की योजना अप्रैल के पहले सप्ताह में शुरू होनी है।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि बैंकिंग व्यवस्था में नकदी की कमी बुधवार को 13,865 करोड़ रुपये थी, जो गुरुवार को 97,529 करोड़ रुपये थी। एक सरकारी बैंक से जु़ड़े डीलर ने कहा, ‘सरकार के व्यय से कुछ मदद मिल सकती है, लेकिन वित्त वर्ष के अंत की अवधि होने के कारण बैंक सावधानी बरत रहे हैं।
वे नहीं चाहते कि धन की कमी हो।’ उन्होंने कहा, ‘पिछले सप्ताह नीलामी हुई थी, इसमें से 1.5 लाख करोड़ रुपये नकदी सरकार के पास चली गई थी।’
पहली 14 दिन की वीआरआर नीलामी में रिजर्व बैंक को बैंकों से कुल मिलाकर 1.05 लाख करोड़ रुपये की बोली हासिल हुई, जबकि अधिसूचित राशि 25,000 करोड़ रुपये थी। केंद्रीय बैंक ने 6.73 प्रतिशत भारित औसत दर पर 25,004 करोड़ रुपये आवंटित किए।
दूसरी 4 दिन की वीआरआर नीलामी में रिजर्व बैंक को बैंकों से कुल 1.32 लाख करोड़ रुपये की बोली मिली, जबकि अधिसूचित राशि 50,000 करोड़ रुपये थी। केंद्रीय बैंक ने 50,005 करोड़ रुपये का आवंटन 6.74 प्रतिशत भारित औसत दर पर किया।
तीसरी 4 दिन की वीआरआर नीलामी में रिजर्व बैंक को बैंकों की ओर से 40,000 करोड़ रुपये की बोली हासिल हुई, जबकि अधिसूचित राशि 50,000 करोड़ रुपये थी। केंद्रीय बैंक ने 6.73 प्रतिशत भारित औसत दर पर 40,700 करोड़ रुपये आवंटित किए।