भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जनता को प्रिंट मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया मंच पर ऋण माफी की पेशकश से संबंधित भ्रामक विज्ञापनों को लेकर आगाह किया।
रिजर्व बैंक की ओर से सोमवार को जारी बयान के अनुसार उसने ऋण माफी की पेशकश करके उधारकर्ताओं को लुभाने वाले कुछ भ्रामक विज्ञापनों पर गौर किया है। ये संस्थाएं प्रिंट मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया मंच पर भी ऐसे कई अभियानों को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही हैं। ऐसी संस्थाओं द्वारा बिना किसी अधिकार के ‘ऋण माफी प्रमाणपत्र’ जारी करने के लिए सेवा/कानूनी शुल्क वसूलने की भी खबरें हैं।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि कुछ स्थानों पर कुछ लोगों द्वारा कर्ज माफी की पेशकश से संबंधित अभियान चलाए जा रहे हैं, जो अपने अधिकारों को लागू करने में बैंकों के प्रयासों को कमजोर करते हैं।
आरबीआई ने कहा, ‘ऐसी संस्थाएं गलतबयानी कर रही हैं कि बैंकों सहित वित्त संस्थानों का बकाया चुकाने की जरूरत नहीं है। ऐसी गतिविधियां वित्त संस्थानों की स्थिरता और सबसे अधिक जमाकर्ताओं के हित को कमजोर करती हैं।’