भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने बुधवार को कहा कि सिक्का निकालने वाली मशीन में नकली नोट डाले जाने के मामलों को देखते हुए UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) आधारित विकल्प को अपनाने का फैसला किया गया है। उन्होंने मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘समस्या यह थी कि इन मशीनों में जो रुपये डाले जा रहे थे, कई मामलों में नकली पाये गये। इसीलिए यह मुद्दा बन गया था।’
शंकर ने कहा कि इसी को देखते हुए RBI ने विकल्पों पर विचार करना शुरू किया। बहुत सारे लोग मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं। उसके जरिये क्यूआर कोड ‘स्कैन’ किया जा सकता है जो UPI से जुड़ा हो सकता है। इसके माध्यम से भौतिक रूप से रुपये का उपयोग किये बिना वेंडिंग मशीन से सिक्के निकाले जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मशीन देश में विकसित की गई हैं। इस नई व्यवस्था में सिक्कों के वितरण में सुधार होगा। इससे पहले, दिन में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने ‘क्यूआर’ कोड आधारित ‘कॉइन वेंडिंग मशीन’ (QR code based coin vending machine) को लेकर पायलट परियोजना शुरू करने की घोषणा की।
RBI 12 शहरों में क्यूआर कोड आधारित सिक्का निकालने की मशीन को लेकर पायलट परियोजना शुरू करेगा। ये वेंडिंग मशीनें UPI का उपयोग करके बैंक ग्राहकों के खाते से पैसे काटकर सिक्के उपलब्ध कराएंगी। अभी जो मशीनें हैं, उसमें बैंक नोट डालकर सिक्के निकाले जाते हैं।
दास ने कहा, ‘नकद आधारित परंपरागत कॉइन वेंडिंग मशीन में भौतिक रूप से रुपये डालने और उसके सत्यापन की जरूरत नहीं होगी।’ शुरू में पायलट परियोजना 12 शहरों के 19 स्थानों पर शुरू करने की योजना है। इन मशीनों को रेलवे स्टेशन, शॉपिंग मॉल, बाजारों में लगाया जाएगा। शंकर ने कहा कि RBI एक अजीब समस्या से जूझ रहा है।
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एक तरफ सिक्कों की आपूर्ति बहुत अधिक है और इसको रखने में अधिक जगह की जरूरत होती है। साथ ही यह ठीक से वितरित नहीं हो पाता है। इस बीच, डिप्टी गवर्नर राजेश्वर राव ने कहा कि कर्ज पर जुर्माने को लेकर ब्याज के मामले में बैंकों की अलग-अलग नीतियां हैं। इस मामले में पारदर्शिता लाने और ग्राहकों के हितों के संरक्षण को लेकर जुर्माना लगाये जाने के बारे में विभिन्न पक्षों से राय लेने को लेकर दिशानिर्देश का मसौदा जारी किया जाएगा।