केंद्र सरकार टेक्सटाइल और फार्मा जैसे कुछ प्रमुख क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं में आमूलचूल बदलाव करने पर विचार कर रही है। इसके साथ ही योजना को निवेशकों के लिए ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए प्रोत्साहन का आवंटन हर तीन महीने में करने का भी विचार है।
मामले के जानकार सरकारी अधिकारियों ने बताया कि सरकार रोजगार सृजित करने के प्रयास के तहत श्रम आधारित क्षेत्रों जैसे कपड़ा, खिलौने, जूते-चप्पल के लिए भी नई योजनाएं लाने पर विचार कर रही है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘नई पीएलआई योजना की घोषणा का अभी समय तय नहीं किया गया है। नई योजनाओं के साथ ही मौजूदा योजनाओं में प्रस्तावित बदलावों के लिए विस्तृत कैबिनेट प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।’
इस बारे में जानकारी के लिए उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग को ईमेल किया गया मगर खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया।
वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 के बीच 134 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाएं लाई गई थीं। इन क्षेत्रों में मोबाइल, ड्रोन, दूरसंचार, टेक्सटाइल, वाहन, कंज्यूमर गुड्स, फार्मास्युटिकल, दवाएं आदि शामिल हैं।
हालांकि इस योजना के तहत सभी क्षेत्रों में प्रगति एक जैसी नहीं है। इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए लाई गई योजना में मुख्य रूप से स्मार्टफोन पर ध्यान केंद्रित किया गया है और यह काफी सफल रही है।
इसकी वजह से पिछले दो साल में देश से स्मार्टफोन के निर्यात में जबरदस्त इजाफा हुआ है। दूसरी ओर सरकार ने पाया है कि फार्मास्युटिकल दवाएं, दूरसंचार, खाद्य उत्पादों, ड्रोन क्षेत्र में प्रगति उम्मीद के अनुरूप है मगर स्टील, टेक्सटाइल, बैटरी और वाहन जैसे क्षेत्रों में प्रगति की रफ्तार सुस्त है।
उदाहरण के लिए निजी कंपनियों की ओर से ठंडी प्रतिक्रिया को देखते हुए कपड़ा मंत्रालय को पीएलआई योजना को आकर्षक बनाने के लिए इसमें और उत्पादों को शामिल कर लचीला बनाना पड़ा है। सरकार को उम्मीद है कि योजना में बदलाव के साथ और आवेदन तथा निवेश के प्रस्ताव आएंगे।
बल्क ड्रग पीएलआई के मामले में योजना के दिशानिर्देशों में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं और योजना की अवधि 2027-28 से बढ़ाकर 2028-29 की जा सकती है। उक्त अधिकारी ने बताया कि इन सभी बदलावों को मंत्रिमंडल से मंजूरी लेनी होगी।
इसके साथ ही सरकार योजना के तहत प्रोत्साहन दावे के निपटान में देरी की समस्या दूर करना चाह रही है। इसके लिए योजना के तहत हर तीन महीने में प्रोत्साहन का आवंटन किया
जा सकता है।
अभी अधिकतर योजनाओं में प्रोत्साहन राशि का भुगतान साल में एक बार किया जाता है। अन्य विभागों से तीन-तीन महीने में भुगतान की व्यवस्था करने के लिए कहा जा रहा है।
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान पीएलआई योजना के पात्र लाभार्थियों को 6,800 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन का आवंटन किया गया है जबकि सरकार ने 11,000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन का अनुमान लगाया था।