facebookmetapixel
SEBI की 12 सितंबर को बोर्ड मीटिंग: म्युचुअल फंड, IPO, FPIs और AIFs में बड़े सुधार की तैयारी!Coal Import: अप्रैल-जुलाई में कोयला आयात घटा, गैर-कोकिंग कोयले की खपत कमUpcoming NFO: पैसा रखें तैयार! दो नई स्कीमें लॉन्च को तैयार, ₹100 से निवेश शुरूDividend Stocks: 100% का तगड़ा डिविडेंड! BSE 500 कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट इसी हफ्तेUpcoming IPOs: यह हफ्ता होगा एक्शन-पैक्ड, 3 मेनबोर्ड के साथ कई SME कंपनियां निवेशकों को देंगी मौकेरुपये पर हमारी नजर है, निर्यातकों की सहायता लिए काम जारी: सीतारमणमहंगाई के नरम पड़ने से FY26 में नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ में कमी संभव: CEA अनंत नागेश्वरनOYO की पैरेंट कंपनी का नया नाम ‘प्रिज्म’, ग्लोबल विस्तार की तैयारीMarket Outlook: महंगाई डेटा और ग्लोबल ट्रेंड्स तय करेंगे इस हफ्ते शेयर बाजार की चालFPI ने सितंबर के पहले हफ्ते में निकाले ₹12,257 करोड़, डॉलर और टैरिफ का असर

ग्रीन हाइड्रोजन के लिए पीएलआई

Last Updated- January 05, 2023 | 11:00 PM IST
IREDA Share Price: The company giving 750 percent return in 8 months will invest Rs 290 crore in Nepal, this is the plan IREDA Share Price: 8 महीने में 750 फीसदी का रिटर्न देने वाली कंपनी नेपाल में करेगी 290 करोड़ रुपये का निवेश, ये है प्लान
BS

केंद्रीय बिजली, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन और इसके प्रमुख घटक इलेक्ट्रोलाइजर के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार आने वाले महीनों में ‘उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन’ (पीएलआई) जैसी योजना लाएगी। मिशन के प्रमुख सिद्धांतों में ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप (साइट) कार्यक्रम के लिए 17,490 करोड़ रुपये का आवंटन शामिल है। साइट के तहत इलेक्ट्रोलाइजर के घरेलू विनिर्माण और ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को लेकर दो वित्तीय प्रोत्साहन योजनाएं होंगी।

सिंह ने कहा, ‘हम पीएलआई योजना के माध्यम से प्रोत्साहन देंगे। हम भारत को पूरी दुनिया में ग्रीन हाइड्रोजन के सबसे प्रतिस्पर्धी स्रोत बनाने का लक्ष्य रख रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि सालाना 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन का लक्ष्य पूरा करने के लिए हमें 15 जीडब्ल्यू इलेक्ट्रोलाइजर क्षमता की जरूरत होगी। सिंह ने कहा कि उद्योग इस दिशा में आगे विचार कर रहा है, वहीं विकसित देशों द्वारा ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर को मुहैया कराई जा रही सब्सिडी की वजह से चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि यह व्यापार बिगाड़ने का कदम है, जो मेरे हिसाब से डब्ल्यूटीओ के नियमों के मुताबिक कार्रवाई के योग्य है।’इस मिशन में 5 घटक होंगे।

इनका मकसद ग्रीन हाइड्रोजन के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना और इलेक्ट्रोलाइट के उत्पादन को प्रोत्साहन देना है, जो ग्रीन हाइड्रोजन बनाने के लिए अहम है। केंद्र ने एक बयान में कहा है कि साइट कार्यक्रम के तहत 1,466 करोड़ रुपये की प्रायोगिक परियोजना है, जिसमें शोध एवं विकास (आरऐंडडी) पर 400 करोड़ रुपये और अन्य मिशन कंपोनेंट पर 388 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

यह भी पढ़ें: महंगाई घटने से 2023 में भी जारी रहेगी घरों की बिक्री की रफ्तार : जेएलएल इंडिया

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के अधिकारियों ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन के इस्तेमाल के लिए 4 प्रायोगिक परियोजनाओं में कम कार्बन वाला स्टील, मोबिलिटी, शिपिंग और विकेंद्रीकृत ऊर्जा और ऊर्जा भंडारण परियोजनाएं हैं। पिछले साल फरवरी में बिजली मंत्रालय ने ग्रीन हाइड्रोजन/अमोनिया नीति अधिसूचित की थी। इसमें 2030 तक 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन का लक्ष्य था। अंतिम मिशन में भी यही लक्ष्य बना हुआ है।

First Published - January 5, 2023 | 11:00 PM IST

संबंधित पोस्ट