वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कर्नाटक के तुमकुरु में थिंकर्स फोरम के एक सत्र में कहा कि वित्त मंत्रालय को वित्तीय स्थिति को प्रभावित करने वालों (फाइनैंशियल इन्फ्लुएंसर) को नियमन के दायरे में लाने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं मिला है, लेकिन अंतिम उपभोक्ताओं को सावधानी बरतना अहम है।
उन्होंने कहा, ‘अभी मेरे पास फाइनैंशियल इन्फ्लुएंसर को नियमन में लाने का कोई प्रस्ताव मेरे सामने नहीं आया है। सोशल इन्फ्लुएंसर और फाइनैंशियल इन्फ्लुएंसर मौजूद हैं। लेकिन हममें से प्रत्येक को सावधान रहने की जरूरत है, जिससे हम सुनिश्चित हो सकें कि हमने दो स्तर पर जांच और प्रतिपुष्टि की है और इसके बारे में लोगों से बातचीत करने की जरूरत है।’उन्होंने आगे कहा, ‘अगर 3 या 4 लोग हमें बहुत वस्तुनिष्ठ और अच्छी सलाह दे रहे हैं, वहीं 10 में से 7 ऐसे भी हैं जो संभवतः किसी अन्य मकसद से सक्रिय हैं।’
सीतारमण ने यह भी कहा कि वित्त मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ पोंजी ऐप को लेकर काम कर रहा है और उनके खिलाफ कदम उठा रहा है, जिससे कि नागरिकों को इस तरह के वित्तीय घोटालों से सुरक्षित रखा जा सके।
उन्होंने कहा, ‘इस तरह के ऐप भी आ रहे हैं और लोगों तक यह कहते हुए पहुंच रहे हैं कि हम आपके धन को इस तरह इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसमें आप ज्यादा फायदा पाएंगे। इनमें से तमाम पोंजी हैं।’
उन्होंने यूजर्स को सलाह दी कि बगैर पूरी जानकारी लिए इस तरह की पेशकश में न फंसें और सावधान रहें, क्योंकि यह आपका मेहनत से कमाया गया धन है।
उन्होंने कहा, ‘आप उसे बचाएं, उसकी रक्षा करें।’फरवरी में मेइटी ने करीब 138 बेटिंग और 94 चाइनीज लोन ऐप को ब्लॉक करने का आदेश दिया था, जिन पर धन शोधन करने व देश की वित्तीय सुरक्षा को खतरा पैदा करने का आरोप था। भारतीय रिजर्व बैंक ने अगस्त 2022 में जारी अपने नियामक ढांचे में अनिवार्य कर दिया था कि ऋण वितरण केवल रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित या कानून के तहत मान्यता प्राप्त संस्थाओं द्वारा किया जाना चाहिए।