केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई योजनाओं का राजकोषीय गणित पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को स्वास्थ्य, बिजली, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, ग्रामीण बुनियादी ढांचे और अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं पर काम करने के लिए इस वित्त वर्ष में केवल 6 महीने ही बचे हैं, इसलिए राजकोषीय हिसाब किताब बाधित होने की संभावना नहीं है।
बहरहाल आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इन योजनाओं को लागू करने वाले मंत्रालयों जैसे भारी उद्योग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और पृथ्वी विज्ञान को पूरक अनुदान मांग के माध्यम से अतिरिक्त आवंटन किया जा सकता है।
वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटा कम करके जीडीपी के 4.5 प्रतिशत के नीचे लाने के लक्ष्य के साथ वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 4.9 प्रतिशत रखा है।
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि इस वित्त वर्ष के लिए अतिरिक्त आवंटन की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। उन्होंने कहा, ‘ज्यादातर योजनाएं किसी न किसी रूप में पहले से ही चल रही हैं। इनका सरकार पर कोई बड़ा वित्तीय असर नहीं पड़ेगा।’
पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग ने कहा, ‘इस साल सरकार पर इन योजनाओं का कोई गंभीर वित्तीय असर नहीं होगा। ज्यादातर योजनाओं के लिए केवल निरंतरता है। स्वास्थ्य, सड़क और फेम पर कुल मिलाकर इस साल खर्च 10,000 से 20,000 करोड़ रुपये है।’इसके अलावा आर्थिक मामलों के विभाग के पास अभी 66,197 करोड़ रुपये गैर आवंटित पूंजीगत व्यय की राशि है, जिसे शेष वित्त वर्ष के दौरान मंत्रालयों के किसी पूंजीगत व्यय की अतिरिक्त मांग की भरपाई करने के लिए दिया सकता है।
मंत्रिमंडल ने सबसे ज्यादा 70,125 करोड़ रुपये आवंटन चौथे चरण के प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के लिए मंजूर किया है, जो अगले 5 साल में खर्च किया जाना है। सरकार ने 62,500 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा है, जो ऐसे 25,000 आवासीय आबादी को जोड़ेंगी, जिन्हें अब तक सड़क से सीधे नहीं जोड़ा गया है। इस योजना के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय को वित्त वर्ष 2024-25 में 19,000 करोड़ रुपये बजट का आवंटन किया गया है।
मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवॉल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल इनहैंसमेंट स्कीम को मंजूरी दी है। यह हाल में खत्म हुई फेम योजना की निरंतरता है, जिसके लिए 10,900 करोड़ रुपये का आवंटन 2 साल के लिए किया गया है।
भारी उद्योग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 के बजट में योजना को शामिल नहीं किया गया है, लेकिन यह संशोधित अनुमान में नजर आएगी। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि योजना के लिए समर्पित बजट अगले साल की वित्तीय योजना में होगा।
आयुष्मान भारत के विस्तार के कवरेज के लिए 3,437 करोड़ रुपये का वित्तीय आवंटन किया गया है। डेढ़ साल में इसका लाभ 70 साल से अधिक उम्र के 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा।आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक जरूरत पड़ने पर इसके लिए अतिरिक्त धन मुहैया कराया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘यह आवंटन इस वित्त वर्ष के शेष 6 महीने के लिए और अगले पूरे वित्त वर्ष के लिए होगा।’
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत मिशन मौसम नामक योजना को बजट आवंटन से अधिक नया आवंटन मिला है। 2 साल के लिए 2,000 करोड़ रुपये के आवंटन से मौसम की चकम स्थितियों और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में बेहतर ढंग से सक्षम बनाने में मदद मिलने की उम्मीद है।