खान मंत्रालय ने नवंबर में पहली अपतटीय खनिज नीलामी की शुरुआत की, लेकिन प्रमुख चुनौतियां बनी हुई हैं। ग्रेट निकोबार द्वीप के तट पर पॉलिमेटैलिक नोड्यूल्स और क्रस्ट्स के सात जी4 (टोही) ब्लॉकों में संसाधन की उपलब्धता के कोई आंकड़े नहीं है। कुल 13 ब्लॉकों में से गुजरात के तट के पास लाइम स्टोन के तीन जी3 (संभावित) ब्लॉकों में अनुमानित 171.2 करोड़ टन संसाधन मौजूद हैं। वहीं केरल के तट के निकट निर्माण रेत के तीन जी3 ब्लॉकों में लगभग 33.50 करोड़ टन संसाधन मौजूद है।
एसबीआई कैप्स द्वारा 21 दिसंबर को पेश की गई रिपोर्ट के आधार पर यह विश्लेषण किया गया है, जो सरकारी कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक की निवेश बैंकिंग इकाई है। यह इस नीलामी में लेनदेन सलाहकार भी है। इस सेक्टर के एक विशेषज्ञ ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, ‘पॉलिमेटैलिक नोड्यूल संसाधन की उपलब्धता के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, ऐसे में संभावित निवेशक सबसे पहले संसाधनों की संभावना का पता लगाना होगा। यह खर्चीली प्रक्रिया है। विस्तृत सर्वे के बगैर यह जोखिम है कि इन ब्लॉकों में बोली लगाने वालों की रुचि कम बनी रहे, जैसा कि जम्मू-कश्मीर में बहु प्रचारित लीथियम ब्लॉक सहित महत्त्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों के मामले में हुआ है।’
पॉलिमेटैलिक नोड्यूल्स और क्रस्ट, जिनमें कोबाल्ट, निकल, तांबा, मैंगनीज और दुर्लभ मृदा तत्व जैसे महत्त्वपूर्ण खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, उन्नत प्रौद्योगिकियों के लिए आवश्यक हैं। इनका इस्तेमाल बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और पवन टर्बाइन और इलेक्ट्रिक वाहन जैसी नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों में होता है। निर्माण में इस्तेमाल होने वाली रेत बुनियादी ढांचे के विकास के लिए महत्त्वपूर्ण है, जिसका इस्तेमाल कंक्रीट मोर्टार व अन्य भवन सामग्रियां बनाने में होता है। लाइम मड, कैल्सियम कार्बोनेट युक्त बाई-प्रोडक्ट है जिसका इस्तेमाल सीमेंट के उत्पादन और जल शोधन और मृदा स्थिरीकरण में होता है।
ये सभी ब्लॉक कम्पोजिट लाइसेंस (सीएल) के तहत पेश किए जा रहे हैं। इसके तहत ब्लॉक पाने वाले बोलीदाताओं को खनन शुरू करने से पहले अन्वेषण करना होगा। विस्तृत संसाधन अनुमानों की अनुपस्थिति संभावित बोलीदाताओं के लिए अनिश्चितता और जोखिम को बढ़ाती है। पॉलिमेटैलिक नोड्यूल और क्रस्ट ब्लॉक के लिए भंडार के बारे में स्थिति साफ न होना निवेशकों की भागीदारी को रोक सकता है।