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विनिर्माण में नए ऑर्डर, उत्पादन और इनपुट खरीदारी धीमी गति से बढ़े

सितंबर में समग्र एचएसबीसी परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स का आंकड़ा 57 पर रहा

Last Updated- October 01, 2025 | 10:59 PM IST
manufacturing sector

अमेरिका के शुल्क का अर्थव्यवस्था पर असर दिखने लगा है। बुधवार को जारी एक निजी सर्वे के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र का विस्तार सितंबर महीने में 4 महीने के निचले स्तर पर आ गया। इसकी वजह नए ऑर्डर में कमी है। एसऐंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में समग्र एचएसबीसी परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स का आंकड़ा अगस्त में 59.3 के रिकॉर्ड उच्च स्तर के मुकाबले 57 पर रहा। सर्वे में 50 से ऊपर का आंकड़ा गतिविधि में विस्तार को दर्शाता है, जबकि उससे नीचे का आंकड़ा संकुचन को दर्शाता है। समग्र आंकड़ा लगातार 51वें महीने विस्तार क्षेत्र में बना हुआ है।

सर्वे में कहा गया, ‘सितंबर के आंकड़ों से पता चलता है कि विनिर्माण उद्योग में वृद्धि जारी है, हालांकि रफ्तार थोड़ी कम हुई है।  नए ऑर्डर, उत्पादन और इनपुट खरीदारी सभी मई के बाद सबसे धीमी गति से बढ़े हैं। वहीं रोजगार सृजन 1 साल के निचले स्तर पर आ गया।’ सर्वे में शामिल कंपनियां उत्पादन को लेकर आश्वस्त थीं। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कमी से उम्मीद बढ़ी है।

एचएसबीसी में चीफ इंडिया इकनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा कि सितंबर का समग्र सूचकांक इंडेक्स नरम हुआ है, लेकिन दीर्घकालिक औसत से काफी ऊपर था। सितंबर में नए निर्यात ऑर्डर में तेजी से वृद्धि हुई। इससे संकेत मिलता है कि अमेरिका के बाहर की मांग ने शुल्क के असर को कम कर दिया है।

उन्होंने कहा, ‘भविष्य के उत्पादन की उम्मीदों से संकेत मिलता है कि कारोबारियों का भरोसा बढ़ा है। यह संभवतः वस्तु एवं सेवा कर में कटौती के बाद मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद के कारण है। हालांकि अमेरिकी शुल्क अर्थव्यवस्था की राह में बड़ा व्यवधान बना हुआ है।’ दूसरी तिमाही के आखिर में अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर में तेजी आई क्योंकि भारतीय विनिर्माताओं के मुताबिक एशिया, यूरोप, अमेरिका और पश्चिम एशिया में मांग में सुधार आई है।

First Published - October 1, 2025 | 10:59 PM IST

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