भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 15 दिसंबर को समाप्त हुए सप्ताह में 20 माह के उच्चतम स्तर 616 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि 25 मार्च, 2022 के बाद का यह उच्चतम स्तर है।
सप्ताह के दौरान भंडार में 9 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है, जो मौजूदा वित्त वर्ष में दूसरी सबसे बड़ी साप्ताहिक वृद्धि है।
विदेशी मुद्रा आस्तियों में वृद्धि के कारण कुल भंडार में वृद्धि हुई। इसमें सप्ताह के दौरान 8 अरब डॉलर की वृद्धि हुई।
येस बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री इंद्रनील पान ने कहा, ‘विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि का मुख्य कारण डॉलर सूचकांक में गिरावट हो सकती है।’
अमेरिकी फेडरेल रिजर्व की बैठक के नतीजों के बाद डॉलर सूचकांक में गिरावट आने से रुपया 0.4 फीसदी मजबूत हुआ। इससे दरें बढ़ने की उम्मीद खत्म हुए और अगले साल यानी 2024 में तीन बार ब्याज दरों में कटौती की संभावना जताई जा रही है। अमेरिका ने लगातार तीसरी बार प्रमुख दरों को 5.25 से 5.50 फीसदी पर बरकरार रखने का निर्णय लिया।
एक सरकारी बैंक के एक डीलर ने कहा, ‘आयात में कमी आई है और कच्चे तेल की कीमतें भी नरम हो गई हैं, इसीलिए वृद्धि हुई है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त आवक होने से भी भंडार बढ़ा है।
रिजर्व बैंक के अनुसार स्वर्ण भंडार का मूल्य 44.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 47.577 अरब डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 13.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.323 अरब डॉलर रह गया। 8 दिसंबर में खत्म हुए सप्ताह में कुल भंडार 607 अरब डॉलर था।