India Services PMI: भारत के सेवा क्षेत्र की रफ्तार अगस्त में 15 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। मजबूत मांग के चलते कंपनियों ने रिकॉर्ड स्तर पर कामकाज बढ़ाया और इसका असर कीमतों पर भी दिखा, जो बीते एक दशक से ज्यादा की तेज रफ्तार से बढ़ीं। यह जानकारी एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स’ इंडेक्स (PMI) पर आधारित निजी सर्वेक्षण में सामने आई है।
सर्वे के मुताबिक अगस्त में सेवाओं का PMI 62.9 रहा, जो जुलाई के 60.5 से ज्यादा है। लगातार तीसरे महीने यह सूचकांक 60 से ऊपर बना हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह जून 2010 के बाद सबसे तेज वृद्धि है। मांग में मजबूती, कामकाज में दक्षता और नए कारोबार में तेजी इसके प्रमुख कारण बताए गए।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिक्री में भी अच्छा उछाल देखा गया। सितंबर 2014 से शुरू हुई इस सीरीज़ में यह तीसरी सबसे बड़ी वृद्धि रही। कंपनियों ने कहा कि हाल के महीनों में मजबूत भर्ती से मौजूदा मांग को पूरा करने की क्षमता बनी रही। हालांकि खर्चे भी बढ़े—खासकर कर्मचारियों को दिए गए वेतन और ओवरटाइम पेमेंट की वजह से।
सर्वे के अनुसार कंपनियों ने बढ़ते खर्च का बोझ ग्राहकों पर डाला। इससे चार्ज महंगाई दर 13 साल से ज्यादा की ऊंचाई पर पहुंच गई। इनपुट कॉस्ट में बढ़ोतरी के पीछे कर्मचारियों की सैलरी और ओवरटाइम मुख्य कारण रहे। कुछ कंपनियों ने ट्रांसपोर्ट और सामग्री लागत बढ़ने की भी बात कही।
अगस्त में रोजगार बढ़ा जरूर, लेकिन रफ्तार थोड़ी धीमी रही। कई कंपनियों ने पार्ट-टाइम भर्ती का सहारा लिया। इसके बावजूद नियमित जॉब क्रिएशन से कंपनियों ने अपने कामकाज को संभाले रखा।
सेवा क्षेत्र के साथ-साथ विनिर्माण क्षेत्र ने भी अगस्त में करीब 18 साल की सबसे तेज वृद्धि दर्ज की। वैश्विक अनिश्चितताओं और अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए गए अतिरिक्त शुल्कों के बावजूद उत्पादन की रफ्तार मजबूत रही।
एचएसबीसी की मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजल भंडारी ने कहा कि नए ऑर्डरों में तेजी और अंतरराष्ट्रीय बिक्री से सेवा क्षेत्र का PMI 15 साल के उच्च स्तर पर पहुंचा। वहीं, अगस्त में कंपोजिट PMI (सेवा व विनिर्माण दोनों मिलाकर) 63.2 पर रहा, जो 17 साल का उच्चतम स्तर है।
हाल ही में जारी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के अनुमान के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8% की दर से बढ़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि दूसरी तिमाही में भी यही मजबूती बनी रह सकती है।