India’s Q1FY25 GDP Growth: चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर नरम होकर 5 तिमाही में सबसे कम 6.7 फीसदी रही। शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (net indirect taxes) प्राप्तियों में अपेक्षाकृत कम वृद्धि से कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पर असर पड़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था जबकि रॉयटर्स के सर्वेक्षण में भी इसके 6.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा आज जारी आंकड़ों से पता चलता है कि सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) की रफ्तार बढ़ी है और यह पिछले वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही के 6.3 फीसदी की तुलना में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 6.8 फीसदी बढ़ा है।
ईवाई इंडिया में मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने कहा, ‘आम तौर पर सब्सिडी के अलावा अप्रत्यक्ष करों के सकारात्मक योगदान के कारण वास्तविक जीडीपी वृद्धि जीवीए वृद्धि से अधिक होती है। हालांकि पहली तिमाही में केंद्र सरकार की सब्सिडी मद में 3.6 फीसदी की कम वृद्धि और वित्त वर्ष 2025 के पहले चार महीनों में 10.9 फीसदी की ऋणात्मक वृद्धि देखी गई है। इसका मतलब है कि आगे भी जीवीए और जीडीपी की वृद्धि दर लगभग समान रह सकती है।’
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जीडीपी वृद्धि में नरमी चिंता की बात नहीं है क्योंकि शुद्ध अप्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि कम रहने से ऐसा हुआ है। पिछली दो तिमाहियों के दौरान जीडीपी और जीवीए के बीच औसतन 160 आधार अंक का अंतर रहा था जिसके कारण जीडीपी वृद्धि दर ऊंची रही और जीवीए वृद्धि कम रही।
वित्त वर्ष 2025 की जून तिमाही के दौरान कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 2.7 फीसदी रही। कृषि उत्पादन पर मॉनसून और लू का प्रतिकूल असर पड़ा है। मगर कृषि क्षेत्र की कमी की भरपाई निर्माण क्षेत्र (10.5 फीसदी) और बिजली, गैस, जलआपूर्ति (10.4 फीसदी) की दो अंक में वृद्धि ने कर दी। मगर विनिर्माण क्षेत्र में जनवरी-मार्च तिमाही की तुलना में नरमी आई और अप्रैल-जून तिमाही में यह 7 फीसदी रही। सेवा क्षेत्र में 7.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।