facebookmetapixel
Infosys buyback: 5 दिन में मार्केट कैप ₹40,000 करोड़ बढ़ा, ब्रोकरेज ने कहा- खरीदें, ₹1,880 जाएगा भावबड़ी कंपनियां बिजली के खर्च में बचा रहीं करोड़ों, जानें 20 साल में कैसे बदली तस्वीरचांदी के भाव ऑल टाइम हाई पर, सोना भी हुआ महंगाStocks to watch today, Sep 12: NBCC, RailTel समेत इन 17 स्टॉक्स पर आज रहेगी निवेशकों की नजर10 करोड़ शेयर वापस खरीदेगी Infosys, अब TCS-Wipro की बारी?Stock Market Today: सेंसेक्स-निफ्टी हरे निशान के साथ खुले, इन्फोसिस और जेबीएम ऑटो उछले50% अमेरिकी टैरिफ के बाद भारतीय निर्यात संगठनों की RBI से मांग: हमें राहत और बैंकिंग समर्थन की जरूरतआंध्र प्रदेश सरकार ने नेपाल से 144 तेलुगु नागरिकों को विशेष विमान से सुरक्षित भारत लायाभारत ने मॉरीशस को 68 करोड़ डॉलर का पैकेज दिया, हिंद महासागर में रणनीतिक पकड़ मजबूत करने की कोशिशविकसित भारत 2047 के लिए सरकारी बैंक बनाएंगे वैश्विक रणनीति, मंथन सम्मेलन में होगी चर्चा

India Q1FY25 GDP growth: 5 तिमाही में सबसे कम जीडीपी वृद्धि, नेट इनडायरेक्ट टैक्स में सुस्ती बड़ी वजह

वित्त वर्ष 2025 की जून तिमाही के दौरान कृ​षि क्षेत्र की वृद्धि दर 2.7 फीसदी रही। कृ​षि उत्पादन पर मॉनसून और लू का प्रतिकूल असर पड़ा है।

Last Updated- August 30, 2024 | 11:24 PM IST
IPEF

India’s Q1FY25 GDP Growth: चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की आ​र्थिक वृद्धि दर नरम होकर 5 तिमाही में सबसे कम 6.7 फीसदी रही। शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (net indirect taxes) प्रा​प्तियों में अपेक्षाकृत कम वृद्धि से कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पर असर पड़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था जबकि रॉयटर्स के सर्वेक्षण में भी इसके 6.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था।

राष्ट्रीय सां​ख्यिकी कार्यालय द्वारा आज जारी आंकड़ों से पता चलता है कि सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) की रफ्तार बढ़ी है और यह पिछले वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही के 6.3 फीसदी की तुलना में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 6.8 फीसदी बढ़ा है।

ईवाई इंडिया में मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने कहा, ‘आम तौर पर सब्सिडी के अलावा अप्रत्यक्ष करों के सकारात्मक योगदान के कारण वास्तविक जीडीपी वृद्धि जीवीए वृद्धि से अधिक होती है। हालांकि पहली तिमाही में केंद्र सरकार की सब्सिडी मद में 3.6 फीसदी की कम वृद्धि और वित्त वर्ष 2025 के पहले चार महीनों में 10.9 फीसदी की ऋणात्मक वृद्धि देखी गई है। इसका मतलब है कि आगे भी जीवीए और जीडीपी की वृद्धि दर लगभग समान रह सकती है।’

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जीडीपी वृद्धि में नरमी चिंता की बात नहीं है क्योंकि शुद्ध अप्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि कम रहने से ऐसा हुआ है। पिछली दो तिमाहियों के दौरान जीडीपी और जीवीए के बीच औसतन 160 आधार अंक का अंतर रहा था जिसके कारण जीडीपी वृद्धि दर ऊंची रही और जीवीए वृद्धि कम रही।

वित्त वर्ष 2025 की जून तिमाही के दौरान कृ​षि क्षेत्र की वृद्धि दर 2.7 फीसदी रही। कृ​षि उत्पादन पर मॉनसून और लू का प्रतिकूल असर पड़ा है। मगर कृ​षि क्षेत्र की कमी की भरपाई निर्माण क्षेत्र (10.5 फीसदी) और बिजली, गैस, जलआपूर्ति (10.4 फीसदी) की दो अंक में वृद्धि ने कर दी। मगर विनिर्माण क्षेत्र में ​जनवरी-मार्च तिमाही की तुलना में नरमी आई और अप्रैल-जून तिमाही में यह 7 फीसदी रही। सेवा क्षेत्र में 7.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।

First Published - August 30, 2024 | 11:24 PM IST

संबंधित पोस्ट