जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर और टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स (टीएमपीवी) के बाद अब किया ने आने वाले कॉर्पोरेट एवरेज फ्यूल एफिशिएंसी-3 (कैफे-3) उत्सर्जन नियमों के खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में दस्तक दी है। इ नियमों में 909 किलोग्राम से कम वजन वाली पेट्रोल कारों के लिए विशेष छूट का प्रस्ताव किया गया है। सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी।
किया ने पिछले हफ्ते पीएमओ को पत्र लिखा। इससे पहले जेएसडब्ल्यू एमजी और टीएमपीवी ने भी सरकार से इस मामले में संपर्क किया था। कार कंपनी ने पीएमओ को लिखा कि वाहन के वजन के आधार पर छोटी पेट्रोल कारों की विशेष उप-श्रेणी बनाने से कैफे ढांचे का मूल उद्देश्य कमजोर हो जाएगा। यह संरचना इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) जैसी हरित तकनीकों को बढ़ावा देने और समय के साथ किसी कार विनिर्माता के पूरे बेड़े में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में लगातार कमी सुनिश्चित करने के लिए है।
किया ने जेएसडब्ल्यू एमजी और टाटा मोटर्स की ओर से पहले उठाई गई चिंताओं का भी समर्थन किया और ए कहा कि वजन की प्रस्तावित सीमा बराबरी की स्थिति नहीं रहेगी।
लगभग दो दशक से कार विनिर्माताओं ने छोटी कार की मौजूदा परिभाषा के आधार पर निवेश, मॉडल और स्थानीयकरण की योजना बनाई हुई है, जो लंबाई और इंजन के आकार से जुड़ी है। किया ने तर्क दिया कि अब यह परिभाषा बदलना कार विनिर्माताओं के लिए अनुचित होगा और इससे उनकी लंबी अवधि की योजनाओं पर असर पड़ सकता है।