India Energy Week: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि देश में ऊर्जा बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए अभूतपूर्व रकम खर्च की जा रही है और अगले 5-6 साल में गैस क्षेत्र में 67 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा। दक्षिण गोवा के बेतुल में दूसरे भारत ऊर्जा सप्ताह का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि ऊर्जा में निवेश के लिए दुनिया भर के निवेशकों को भारत पसंद आ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘हम प्राथमिक ऊर्जा में प्राकृतिक गैस की मौजूदा 6 फीसदी हिस्सेदारी को बढ़ाकर 15 फीसदी करना चाहते हैं। इसके लिए अगले 5-6 साल में हम इस क्षेत्र में 67 अरब डॉलर का निवेश करने जा रहे हैं।’
मोदी ने कहा कि भारत ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व राशि निवेश कर रहा है। यही वजह है कि वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र के लोग आज भारत के ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करना चाह रहे हैं। पिछले साल पहला भारत ऊर्जा सप्ताह आयोजित किया था, जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत हरित ऊर्जा के लिए प्रतिबद्ध है मगर उसे पारंपरिक तेल और गैस क्षेत्र में भी भारी निवेश करना होगा। मोदी ने कहा कि 1 फरवरी को आए अंतरिम बजट में 11 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय का प्रस्ताव है, जिसमें से बड़ा हिस्सा ऊर्जा क्षेत्र में निवेश किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत अब दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि भारत आगे भी इसी रफ्तार से वृद्धि करता रहेगा। भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत जल्द ही हाइड्रोजन का प्रमुख उत्पादक और निर्यातक बन जाएगा।
मोदी ने कहा, ‘भारत पहले ही दुनिया के सबसे बड़े तेलशोधकों में शुमार है। आज हमारे पास सालाना 25.5 करोड़ टन से ज्यादा रिफाइनिंग क्षमता है। वर्ष 2030 तक हम रिफइनिंग क्षमता को बढ़ाकर 45 करोड़ टन सालाना करना चाहते हैं।’
देश में इस समय सालाना 1.9 करोड़ बैरल तेल की खपत होती है और 2045 तक आंकड़ा 3.8 करोड़ बैरल हो जाने का अनुमान है।
मोदी ने कहा, ‘10 साल पहले पेट्रोल में 1.5 फीसदी एथनॉल मिलाया जाता था। 2023 में यह बढ़कर 12 फीसदी हो गया, जिससे कार्बन उत्सर्जन में 4.2 करोड़ टन कमी आई है।’ उन्होंने कहा कि 2023 भारत ऊर्जा सम्मेलन में पेश ई20 ईंधन (पेट्रोल में 20 फीसदी एथनॉल मिश्रण) अब देश भर के 9,000 पेट्रोल पंपों पर मिलता है। अगले 1 साल में यह सब जगह मिलने लगेगा। ई20 से कच्चे तेल का आयात घटेगा, जिससे सरकार को 50,000 करोड़ रुपये बचने का अनुमान है।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय तेल एवं गैस कंपनियों के प्रमुखों और विशेषज्ञों से भी मुलाकात की। भारत ऊर्जा सम्मेलन 2024 पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम है।
इस कार्यक्रम में नियामक संस्थाएं, नवीकरणीय एवं वैकल्पिक ईंधन से जुड़ी कंपनियां, नीति शोधार्थी और सलाहकार टिकाऊ ऊर्जा पर अपने विचार रखते हैं। सरकार को उम्मीद है कि यह कार्यक्रम वैश्विक ऊर्जा के लिए नीति बनाने के मामले में भारत को सबसे आगे खड़ा कर देगा।